एसजीपीसी ने की मांग, करतारपुर कारिडोर के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म हो, कांग्रेस को सिख विरोधी करार दिया

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल इजलास के दौरान विपक्ष के विरोध के चलते अलग अलग प्रस्ताव पढ़े नहीं जा सके।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 11:39 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 11:39 PM (IST)
एसजीपीसी ने की मांग, करतारपुर कारिडोर के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म हो, कांग्रेस को सिख विरोधी करार दिया
एसजीपीसी ने की मांग, करतारपुर कारिडोर के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म हो, कांग्रेस को सिख विरोधी करार दिया

जागरण संवाददाता, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के जनरल इजलास के दौरान विपक्ष के विरोध के चलते अलग अलग प्रस्ताव नवनिर्वाचित अध्यक्ष एडवोकेट हरजिदर सिंह धामी की ओर से सही ढंग से पढ़े नहीं जा सके। इस कारण धामी ने इन प्रस्तावों को मीडिया के समक्ष बाद में पेश किया। एसजीपीसी प्रधान धामी ने कहा कि कौम के कई मसलों का केंद्र सरकार से सरलीकरण मांगा गया है। कई मामले प्रदेश सरकार से संबंधित हैं।

इजलास के एक प्रस्ताव में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के कारिडोर को दोबारा खोलने पर केंद्र और राज्य सरकारों का धन्यवाद करने के साथ ही मांग की गई कि श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म की जाए। एक अन्य प्रस्ताव के माध्यम से दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी व तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी में सरकारी दखल का हवाला देते हुए सरकार से मांग की गई कि इन सिख संस्थाओं में सरकारी दखल को बंद किया जाए। दिल्ली कमेटी के जनरल चुनाव के बाद भी पदाधिकारियों का चुनाव नहीं होने दिया जा रहा है जो सिख संस्था में सीधा सरकारी दखल है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि एक प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस पार्टी को सिख मानसिकता को बार-बार दर्द देने वाली पार्टी करार दिया गया है। कांग्रेस ने पहले 1984 में सिखों का कत्लेआम किया। अब इसमें शामिल जगदीश टाइटलर को पार्टी में पद दिया गया है। प्रस्ताव में टाइटलर को पार्टी के विशेष इनवाइटी से तुरंत हटाकर कांग्रेस सिख जगत से माफी मांगने के लिए चेतावनी दी गई है। किसान विरोधी तीन कानूनों को वापस लेने का स्वागत करते हुए एक प्रस्ताव में किसानों की फसल का कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) यकीनी बनाने के लिए तुरंत कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर सिख गुरुओं, शहीदों व सिख इतिहास के सिद्धांतों के विरुद्ध पाई जाती सामग्री का रुझान दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इसको रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। इसके साथ ही सभ्याचार के नाम पर फिल्म व गीतों आदि में परोसी जाती अश्लीलता की निदा का प्रस्ताव भी लाया गया है। बेअदबी करने वालों को उम्र कैद के लिए कानून बनाने की मांग

एक अन्य प्रस्ताव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों की बेअदबी की घटित हो रही घटनाओं पर चिता प्रकट करते हुए इसकी रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाने और दोषियों को उम्र कैद की सजा का कानून बनाने की मांग की गई है। देश विदेश में सिखों पर हो रहे नस्लीय हमलों पर एक प्रस्ताव के माध्यम से गहरी चिता जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की गई कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। सीबीएसई पंजाबी भाषा को दोबारा मुख्य विषयों में शामिल करे

एसजीपीसी प्रधान ने कहा कि जनरल इजलास के एक प्रस्ताव द्वारा केंद्रीय बोर्ड सीबीएसई द्वारा पंजाबी भाषा को मुख्य विषयों से बाहर करने की सख्त निदा की गई है। कहा कि केंद्र सरकार सीबीएसई द्वारा पंजाबी भाषा को मुख्य विषयों में दोबारा शामिल करवाने के लिए तुरंत कार्रवाई करें। बेरोजगारी के कारण युवाओं के विदेशों में बसने के रुझान पर गहरी चिता जताते हुए एक प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की गई कि युवाओं के लिए रोजगारमुखी नीतियां बनाई जाएं ताकि वे देश में रहें। चन्नी की ओर से शिअद के लिए अभद्र शब्दावली की आलोचना की

नए चुने गए महासचिव करनैल सिंह पंजोली ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा विधानसभा में शिअद को अभद्र शब्दावली बोलते हुए गद्दार कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में प्रस्ताव पारित करके निदा की जाए। उन्होंने कहा कि सिख कोम की गद्दार तो कांग्रेस पार्टी है। इस पर प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि इसको भी शामिल किया जाता है। इस दौरान बीते समय में बिछड़ी कुछ शख्यियतों संबंधी शोक प्रस्ताव पढे़ गए। इनमें श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिदर सिंह वेदांती, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व मुख्य ग्रंथी ज्ञानी भगवान सिंह, एसजीपीसी सदस्य बाबा दलवार सिंह छीनीवाल, एसजीपीसी सदस्य जत्थेदार सेवा सिंह सेखवा सहित किसान संघर्ष के दौरान काल का ग्रस बने किसान शामिल हैं। शोक प्रस्ताव में एसजीपीसी सदस्य बीबी किरणजोत कौर के कहने पर सिख स्कालर डा. जोध सिंह व जरनैल सिंह दिल्ली का नाम भी शामिल किया गया।

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