निजी डाक्टरों ने सरकारी डाक्टरों को दिया समर्थन

पे-कमीशन की सिफारिशों का विरोध कर रहे सरकारी डाक्टरों को अब निजी डाक्टरों ने भी समर्थन दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:05 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:05 PM (IST)
निजी डाक्टरों ने सरकारी डाक्टरों को दिया समर्थन
निजी डाक्टरों ने सरकारी डाक्टरों को दिया समर्थन

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पे-कमीशन की सिफारिशों का विरोध कर रहे सरकारी डाक्टरों को अब निजी डाक्टरों ने भी समर्थन दिया है। बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में निजी अस्पतालों के डाक्टर सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे। एसोसिएशन के स्टेट प्रेसीडेंट डा. केडी सिंह ने कहा कि सरकार को डाक्टरों की मांग तत्काल मान लेनी चाहिए। पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. मदन मोहन ने कहा कि डाक्टर वर्ग सरकार से हताशा है। पे कमीशन की सिफारिशों में डाक्टरों का एनपीए कम करना उनका शोषण करने जैसा है। कोरोना काल में हम डाक्टरों ने दिन रात काम किया। इस महामारी से सीधा टकराव लेते रहे। इसका हमें यह सिला मिल रहा है। इस अवसर पर डा. अमनदीप कौर, डा. अमरीक सिंह अरोड़ा, डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर, डा. भारती धवन, डा. रेणु भाटिया, उा. अमरजीत सिंह, सुनील भारद्वाज, डा. नीलम भगत उपस्थित थे।

इधर, सरकारी मेडिकल कालेज व गुरुनानक देव अस्पताल से संबंधित डाक्टरों सामूहिक अवकाश लेकर ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया। समूह डाक्टरों ने अस्पताल में रोष रैली निकाली, धरना भी लगाया। इसके साथ ही मेडिकल कालेज प्रिसिपल डा. राजीव देवगण को मांगपत्र सौंपा।

पंजाब मेडिकल और डेंटल टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डा. मृदु ग्रोवर ने कहा कि एनपीए को 25 से 20 फीसद करने और बेसिक पे से डी लिक करने के विरोध में डाक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान हमने इमरजेंसी, कोविड और एग्जाम ड्यूटी पूरी की है। सरकार को जल्द ही इस पर निर्णय करना होगा।

जिले के टीबी अस्पताल, ईएनटी अस्पताल, सिविल अस्पताल, ईएसआई अस्पताल, पांचों सेटेलाइट अस्पतालों सहित तमाम पीएचसी व सीएचसी में ओपीडी सेवाएं ठप हैं। इसका दुष्परिणाम सामने आ रहा है। मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि सरकारी अस्पतालों का स्टाफ बीच बीच में क्लेरिकल काम भी ठप कर देता है। इस वजह से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट तक नहीं बन पाते।

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