बच्चों को ज्ञानवान और संस्कारवान बना रहीं प्रि. डा. श्रुति महाजन

नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा अर्चना होती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 12:15 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 12:15 PM (IST)
बच्चों को ज्ञानवान और संस्कारवान बना रहीं प्रि. डा. श्रुति महाजन
बच्चों को ज्ञानवान और संस्कारवान बना रहीं प्रि. डा. श्रुति महाजन

जागरण संवाददाता, अमृतसर: नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा अर्चना होती है। मां का स्वरूप ज्ञान, ध्यान से जुड़ा है। ज्ञान व विवेक के प्रयोग से सफलता के नित नए सोपान चढ़तीं नारियां मां स्कंदमाता के इस स्वरूप से प्रेरणा ले रही हैं। प्रगति के निमित्त संतानों का ज्ञानव‌र्द्धन करने व सही राह दिखाने वाली मां के स्वरूप से प्रेरणा लेकर प्रि. डा. श्रुति महाजन लारेंस स्थित आर्य माडल स्कूल में प्रिसिपल के पद पर सेवा निभा रही हैं, ताकि समाज में लोगों को ज्ञान देकर आगे बढ़ाया जा सके। वह हर रोज स्कूल में वह यज्ञ करवाती हैं, ताकि बच्चों में संस्कार भरे जा सकें। आर्य युवती परिषद में भी प्रि. श्रुति महाजन बतौर मुख्य परामर्शदाता भी सेवा निभा रही हैं। अकादमिक करियर में रही हैं टापर

एक शिक्षाविद माता पिता पूर्व प्रिसिपल मधू महाजन व प्रोफेसर अरुण महाजन ने हमेशा ही समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ शिक्षा के लिए योगदान दिया।उनके घर में जन्मी डा. श्रुति महाजन अपने अकादमिक करियर में एक टापर रही हैं। साल 2020 में उनके पिता प्रो. अरुण महाजन की मृत्यु ने उन्हें वैदिक आदर्शों के प्रसार के लिए काम करने के उनके सपने को साकार किया है।तब से लेकर आज तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। आर्य समाज मंदिर में अथक व अथक रूप से काम करते हुए वह कहती हैं कि वह घर पर हैं। सभी को फिटनेस का बताती हैं महत्व

कोरोना के चर्म में एक दिन की छुट्टी के बिना उन्होंने आर्य समाज के आदर्शों का प्रसार किया और उन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की पूरी कोशिश की, जो महंगे स्कूल की फीस नहीं दे सकते हैं। उन्होंने स्कूल में आधुनिक अवधारणाओं को पेश किया है, ताकि बच्चे आधुनिक शिक्षा से वंचित न रहें। वेद मंत्रों से अच्छी तरह वाकिफ वह आर्य समाज लारेंस रोड पर समय-समय पर पवित्र यज्ञ करवाती हैं। वह एक आधुनिक व पारंपरिक महिला का मिश्रण है। अपने दिन की शुरुआत साढ़े चार बजे वह अपने पिता द्वारा सिखाए गए अनुशासित जीवन से करती हैं। वह सभी को फिटनेस के महत्व को बढ़ावा देती हैं और वह खुद एक मैराथनर रही हैं। उसने अब तक जो भी दौड़ लगाई है, उसमें उसने पहला स्थान हासिल किया है।वह अपने जुनून के लिए समय निकालने पर बहुत जोर देती हैं। संदेश: बुरे लोगों और परिस्थितियों के आगे कभी न झुकें

प्रि. डा. श्रुति महाजन कहती हैं कि जब आप लड़की होती हैं, तो मुश्किल हो जाती है।लेकिन जब कोई आपके साथ न हो, तब भी आपको सही के लिए खड़ा होना चाहिए।बुरे लोगों और परिस्थितियों के आगे कभी न झुकें।लड़ो और हार मत मानो और यही लड़कियां फाइटर होती हैं। वह अंग्रेजी आनर्स में स्वर्ण पदक विजेता, एमए शिषोयोलिजी, बीएड, पीएचडी (अंग्रेजी), एजुकेशनल लीडरशिप एंड मैनेजमेंट (मेलबर्न), खालसा कालेज फार वूमेन के साथ-साथ गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) में अंग्रेजी में लेक्चरर के रूप में काम किया है। अमृतसर और उसके आसपास की लड़कियों को अंग्रेजी और प्रतियोगी परीक्षाओं में मास्टर्स पढ़ा चुकी हैं।

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