महिलाओं को इंसाफ दिला घर बसाया, पैरों पर भी खड़ा किया

नवरात्र के सातवें दिन मा कालरात्रि की पूजा की जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:14 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 12:58 PM (IST)
महिलाओं को इंसाफ दिला घर बसाया, पैरों पर भी खड़ा किया
महिलाओं को इंसाफ दिला घर बसाया, पैरों पर भी खड़ा किया

जागरण संवाददाता, अमृतसर: नवरात्र के सातवें दिन मा कालरात्रि की पूजा की जाती है। जननी, पालनकर्ता, परिश्रमी और दृढ़ता के स्वरूप के बाद परिवार की रक्षा के लिए साहस की मूर्ति बनकर सामने आने वाली स्त्रियों में मा का यह स्वरूप दिखता है। देश की सीमा हो या शहर-गाव की कानून एवं व्यवस्था, नारी आज हर जगह अपराध और शत्रु के दमन में सक्षम भी है और सजग भी। मां के इस स्वरूप से प्रेरणा लेकर आल इंडिया वूमेन काफ्रेंस की अध्यक्ष प्रेम दुग्गल भी दृढ़ता के साथ समाज की भलाई के कार्यो में जुटी हैं। समाज में फैली बेरोजगारी को दूर करने, घरेलू अत्याचार का शिकार हुई महिलाओं का जीवन संवारने और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए दृढ़ इरादों के साथ काम कर रही हैं। बेटियों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना ही उनका मुख्य लक्ष्य है। घरेलू हिसा की शिकार महिलाओं को इंसाफ दिलाने में अकसर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है, मगर वह कभी भी पीछे नहीं हटीं और महिलाओं के ससुराल परिवार के सदस्यों को कानूनी कार्रवाई का हवाला देकर उन्हें इंसाफ दिलाया और उनका घर बसाया है। हालांकि कुछ लोग अज्ञानता के कारण उनके इस कदम का विरोध करते हैं मगर जब पूरा मामला साफ होता है तो वह उन्हें सही ठहराते हैं। महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का जारी है प्रयास

बकौल प्रेम दुग्गल, वह पिछले बीस साल से सेवा करती आ रही हैं। हुसैनपुरा चौक स्थित आल इंडिया वूमेन कांफ्रेंस की अपनी जगह है जहां पर बेसहारा महिलाओं को आश्रय दिया जाता है। उन्हें सिलाई कढ़ाई, ब्यूटीशियन, फैशन डिजाइनिग, कंप्यूटर, स्टेनो, आचार, मुरब्बा बनाने आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाता है। कई महिलाओं ने तो प्रशिक्षण के बाद अपने सेंटर खोल लिए हैं और वह सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस के दौरान आध्यात्मिक, सामाजिक, मानवीयता के साथ-साथ संस्कारित मूल्यों की शिक्षा प्रदान कर महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाता है। सामाजिक कुरीतियों के विरोध में भी जागरूकता कार्यक्रम करवाए जाते हैं। साल-2017 में मिला था कांफ्रेंस में अध्यक्ष पद

प्रेम दुग्गल ने बताया कि 1990 में जब कश्मीर से उजड़े हुए लोग पंजाब के साथ-साथ अमृतसर आए थे, तब उन्होंने एक समाज सेवी संस्था सर्वोद्य महिला समिती का गठन हुआ था, जोकि विनोवाजी के विचारों पर चलती थी। उसमें प्रेम दुग्गल ने बतौर सदस्यों ज्वाइन किया था, जिसमें 20-25 साल काम करने के बाद संस्था बंद हो गई थी।उन्होंने बताया कि साल-1996 में आल इंडिया वूमेन कांफ्रेंस में बतौर सदस्य जुड़कर काम शुरु किया था।जबकि साल-2009 में उन्होंने सचिव का पदभार संभाला था और उसके बाद साल-2017 में कांफ्रेंस की अध्यक्षा के पद पर बैठने के बाद आज लगातार सेवा निभा रही हैं। आदर्श महिला का मिल चुका है अवार्ड

प्रेम दुग्गल को रचनात्मक व सृजनात्मक कार्यो के लिए कई बार सम्मान मिल चुका है। वह बेहद परिश्रमी हैं। साल-2019 में उन्हें लीगल राइटस काउंसिल आफ इंडिया ने आदर्श महिला के नाम पर इंटरनेशनल वूमेन अचीवर्स अवार्ड दिया था।

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