फोकल प्वाइंट में गड्ढों की भरमार, सीवरेज का पानी रहता है जमा, उद्योगपति परेशान
फोकल प्वाइंट महानगर का वो इलाका है जहां पर 450 के करीब फैक्ट्रियां हैं। लाखों लोगों को यहां पर रोजगार मिला हुआ है।
जासं, अमृतसर: फोकल प्वाइंट महानगर का वो इलाका है जहां पर 450 के करीब फैक्ट्रियां हैं। लाखों लोगों को यहां पर रोजगार मिला हुआ है। यहां के उद्यमी टैक्स के जरिए सरकारी खजाना तो भर रहे हैं मगर उन्हें यहां पर मूलभूत सुविधाएं न के बराबर मिल रही हैं। शहर के फोकल प्वाइंट के हालात देखें तो ऐसा लगता है कि जैसे किसी पिछड़े इलाके में आए गए हों, क्योंकि यहां पर सड़कें पर गढ्डों की भरमार है। जगह-जगह सीवरेज का पानी जमा रहता है। वहां पर स्ट्रीट लाइटों की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसा नहीं है कि उद्योगपतियों ने प्रशासन को जगाया नहीं। मगर सरकारों और नगर निगम प्रशासन ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। इसी कारण उद्यमी प्रशासन की उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। इन्हीं समस्याओं पर चर्चा और प्रशासन तक उनकी आवाज उठाने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने फोकल प्वाइंट के उद्योगपतियों के साथ चर्चा की। उनका कहना है कि उन्हें आश्वासन नहीं अब इलाके में विकास चाहिए। यह इलाका 1985 में अस्तित्व में आया था। पिछले करीब 12 साल से अब हालात यह हैं कि फोकल प्वाइंट की सभी सड़कें टूट चुकी हैं और यहां पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इस कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई बार निगम को लिखकर भेजा गया। मगर केवल आश्वासन ही मिलता है।
वरिदर सिंह गुलाटी, प्रधान फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन फोकल प्वाइंट इलाके का सीवरेज बुरी तरह प्रभावित है। गंदा पानी सड़कों पर जमा रहता है। रोड पर बने बड़े-बड़े गड्ढे गंदा पानी जमा होने के कारण छोटे-छोटे छप्पड़ बन गए हैं। हर समय पूरे इलाके में गंदगी फैली रहती है। जीना बेहाल हो गया है और हम समय में लेबर में भी बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
निपुण अग्रवाल, उप-प्रधान फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन पूरा फोकल प्वाइंट करीब दो किलोमीटर के एरिया में फैला है। यहां पर स्क्रू, नीटिग, प्लास्टिक, आक्सीजन, सबमर्सिबल आदि बनाने के यूनिट हैं। मगर पूरे फोकल प्वांइट पर कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं है। ऐसे में अंधेरे में पता ही नहीं चल पाता कि कहां पर गड्ढा है। इस कारण अक्सर हादसे होते हैं।
सरबजीत सिंह, महासचिव फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन फोकल प्वाइंट बनाने की जब प्रपोजल तैयार हुई थी, उस समय यहां पर अलग-अलग जगहों पर पार्के भी बनने थे ताकि फैक्ट्रियों में काम करने वाली लेबर फ्री समय में आकर टहल सके। मगर पिछले इतने लंबे समय से पार्क तो बने नहीं, बल्कि वहां झाड़ियां उगी हुई हैं। वहां पर पानी खड़ा रहता है जिस पर मच्छर पनपते हैं।
राकेश बंसल, कैश्यर, फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन। 1985 में फोकल प्वाइंट का डिजाइन पास होने के बाद 1987 में यहां पर एक ईएसआइ अस्पताल बनाने की भी योजना पास हुई थी। इसके लिए प्लाट भी अभी तक खाली है। मगर पिछले 34 सालों में आज तक अस्पताल नहीं बन पाया। जब भी लेबर को कोई समस्या आती है तो करीब 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान ही नहीं देती।
दर्शन सिंह, उद्योगपति फोकल प्वांइट पर फायर स्टेशन बनाने की योजना थी ताकि किसी भी आपात स्थिति के साथ तुरंत निपटा जा सके। साथ ही पावर सब-स्टेशन भी बनना था जिससे कि फोकल प्वाइंट की बिजली पूरी रह सके। मगर इस तरफ भी कभी ध्यान नहीं दिया गया। पंजाब सरकार और निगम प्रशासन को चाहिए कि यहां पर जल्द से जल्द विकास करवाए।
सुरिदर सिंह, उद्योगपति फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से निगम में दो बार आरटीआइ डाली गई। इसमें निगम ने कागजों में दावा किया कि कुल 12.80 करोड़ रुपये फोकल प्वाइंट में खर्च किए गए हैं। बावजूद इसके फोकल प्वाइंट की सड़कों व सीवरेज की हालत खस्ता है। जब भी निगम अधिकारियों को जाकर मिलते है तो आश्वासन ही मिलता है।
जसमीन सिंह, उद्योगपति फोकल प्वाइंट पर सबसे ज्यादा बिजली खर्च होती है। प्रति उद्योग का बिल लाखों में रहता है और प्रति यूनिट से 11 पैसे निगम को चूंगी जाती है। ऐसे में फोकल प्वाइंट से सबसे ज्यादा रेवेन्यू निगम को जा रहा है। मगर इसके भी उद्योगपतियों को अपनी बेसिक जरूरतों के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। मगर कोई सुनवाई नहीं है।
नरिदर सिंह, उद्योगपति फोकल प्वाइंट के हालात ऐसे हो चुके हैं कि अभी बारिश का मौसम शुरु नहीं है और यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। आने वाले दिनों में बारिशें शुरु हो जाीएंगी। उस समय दौरान फोकल प्वाइंट पर तालाब जैसे हालात हो जाते हैं। इसलिए निगम प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का हल करवाया जाए।
महकप्रीत सिंह, उद्योगपति फोकल प्वाइंट में अलग-अलग उद्योगों के यूनिट हैं। पूरे देश में यहां से माल सप्लाई होता है। मगर केवल पुराने ग्राहक ही यहां पर डील कर रहे हैं जबकि यहां के हालात देखकर नए ग्राहक आने को तैयार नहीं है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टर तक माल की ढुलाई करने से अब मना करने लगे हैं। भारी-भरकम टैक्स देनें के बाद फोकल प्वाइंट को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।
रविदर शर्मा, उद्योगपति फोकल प्वाइंट मे लंबे समय से दो डिस्पोजल लगे हैं जिनकी मोटर खराब हो चुकी है। अगर मोटर चलाई जाए तो सीवरेज की सफाई हो सकती है। इसके अलावा निगम अधिकारियों को अभी तक 50 से ज्यादा एप्लीकेशन दी जा चुकी है लेकिन हर बार कहा जाता है कि सीवरेज की पाइपें ठीक करने के बाद सड़कें बनवाई जाएंगी।
गगनदीप सिंह, उद्योगपति