12 लाख ट्रामाडोल बरामदगी में पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद : सूरी

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिसंबर 2019 में पकड़ी गई 12 लाख ट्रामाडोल गोलियों के मामले में अभी तक पंजाब पुलिस ने एफआइआर नहीं की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:09 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:09 PM (IST)
12 लाख ट्रामाडोल बरामदगी में पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद : सूरी
12 लाख ट्रामाडोल बरामदगी में पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद : सूरी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिसंबर, 2019 में पकड़ी गई 12 लाख ट्रामाडोल गोलियों के मामले में अभी तक पंजाब पुलिस ने एफआइआर नहीं की। जीटी रोड स्थित रेवन बहल फार्मास्यूटिकल कंपनी से बरामद उपरोक्त गोलियों के मामले में एफआइआर दर्ज न होने के बाबत पंजाब—हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए हिदू नेता सुधीर सूरी ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार नशे के खात्मे का ढिढोरा पीट रही है दूसरी तरफ सरकार की शह पर ही कुछ मंत्री नशा बेचने वालों की पीठ थपथपा रहे हैं। वर्ष 2019 में स्वास्थ्य विभाग ने यह गोलियां कंपनी के गोदाम से बरामद की थीं, पर कई साल यह गोलियां स्वास्थ्य विभाग के कब्जे में रहीं। तब न तो पंजाब पुलिस ने कोई सख्त कार्रवाई की तथा न ही सरकार द्वारा इस मामले का संज्ञान लिया। पुलिस ने रेवन बहल कंपनी के संचालकों पर राजनीतिक दबाव की वजह से एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज नहीं किया। पंजाब के एक मंत्री ने ड्रग विभाग के अधिकारियों को केस कमजोर करने को कहा था। ड्रग विभाग ने ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के तहत विभागीय कार्रवाई की, पर पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज नहीं किया। लिहाजा पंजाब—हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दिया। हाईकोर्ट का मानना था कि पंजाब विशेषकर अमृतसर में छोटी मोटी बरामदगी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है, तो फिर 12 लाख ट्रामाडोल की बरामदगी पर केस दर्ज क्यों नहीं किया गया। इसी वर्ष 3 अगस्त को अदालत ने सीबीआइ को जांच सौंपी थी।

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