साइबर सैल में 24 घंटे में दर्ज होगी एफआइआर, जांच में आएगी तेजी
साइबर क्राइम के मामलों में तेजी और बढ़ रही शिकायतों को देखकर आला अधिकारियों ने सैल में नफरी बढ़ाने की योजना बनाई है।
नवीन राजपूत, अमृतसर: साइबर क्राइम के मामलों में तेजी और बढ़ रही शिकायतों को देखकर आला अधिकारियों ने सैल में नफरी बढ़ाने की योजना बनाई है। इस समय सीआइए स्टाफ के कार्यालय में चल रहे साइबर सैल में मात्र चार पुलिस वालों से ही काम लिया जा रहा है लेकिन आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाकर 12 की जा रही है। पुलिस कमिश्नर डा. सुखचैन सिंह गिल ने आइपीएस डा. मनप्रीत कौर को बतौर नोडल अफसर तैनात कर रखा है। अभी शिकायत मिलने पर देर बाद एफआइआर दर्ज की जाती है। क्योंकि जांच में देरी होती है। शिकायतकर्ता को कई चक्कर काटने पड़ते हैं लेकिन अब स्टाफ की संख्या बढ़ने से 24 घंटे के भीतर एफआइआर दर्ज होगी और जांच में तेजी आएगी।
स्टाफ की कमी से जूझ रहे सेल की सबसे बड़ी समस्या पेंडिंग केस हैं। पूरा स्टाफ नहीं होने के कारण शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और उन पर काम धीमी रफ्तार से हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर मामले प्रदेश के बाहर के दर्ज हो रहे हैं। इनमें से 70 फीसद से ज्यादा अपराधियों को पकड़ पाना काफी मुश्किल है। रोजाना साइबर सैल में तीन से पांच साइबर ठगी की शिकायतें पहुंच रही हैं। दो माह में ओटीपी और आनलाइन फ्राड की 70 शिकायतें
पुलिस रिकार्ड में ओटीपी, आनलाइन फ्राड, डाटा लीकेज, वाट्एसप फ्राड, कस्टमर केयर, क्रेडिट कार्ड के कुल दो महीने में 70 शिकायतें मिली हैं। इनकी जांच की जा रही है। ज्यादातर मामलों में सब कुछ फर्जी रहता है। इस तरह की आ रही शिकायतें
इंटरनेट मीडिया से जुड़ा अपराध, टिकटाक, ओटीपी संबंधी फ्राड, बजाज फाइनेंस, गूगल, इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन फ्राड, नौकरी संबंधी फ्राड, कर्ज संबंधी फ्राड, हैकिग, एटीएम क्लोन संबंधी फ्राड, क्लिक लिक फ्राड, ई-मेल फ्राड, पेटीएम फेक केवाईसी, आनलाइन फिरौती, गूगल पर गलत कस्टमर केयर नंबर, लाटरी फ्राड, फ्राड एप्लीकेशन डाउनलोड, इंश्योरेंस पालिसी फ्राड, फेसबुक के जरिए फ्राड, टावर लगाने संबंधी फ्राड, मैट्रीमोनियल फ्राड, थेफ्ट काल, क्रेडिट कार्ड शापिग इत्यादि शामिल हैं। पर्चे तो दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी कोई नहीं
साइबर सैल की तरफ से बीते साल में कुल 130 मामले दर्ज किए गए हैं। पर ज्यादातर मामलों में गिरफ्तारी नहीं हो पाई है क्योंकि ज्यादा मामलों में आरोपित पंजाब से बाहर के हैं या फिर उन्होंने फ्राड करते समय अपनी पहचान ही गलत बताई होती है। बताया जाता है कि जब पुलिस अन्य राज्यों में छापामारी करती है तो वहां की पुलिस से तालमेल ठीक नहीं हो पाता। कोट
साइबर सैल को मजबूत बनाने के लिए काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में वहां एक्सपर्ट मुलाजिम तैनात किए जाएंगे। शातिर अपराधी किसी भी कीमत पर बच नहीं जाएंगे।
-परमिदर सिंह भंडाल, डीसीपी