शहीदी कुएं को पुराने रूप में बनवाएं पीएम: प्रो. चावला

पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने जलियांवाला बाग स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र लिखा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 06:09 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 06:09 PM (IST)
शहीदी कुएं को पुराने रूप में बनवाएं पीएम: प्रो. चावला
शहीदी कुएं को पुराने रूप में बनवाएं पीएम: प्रो. चावला

संस, अमृतसर: पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने जलियांवाला बाग स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र लिखा है। उन्होंने इसमें कहा है कि जलियांवाला बाग पूरी दुनिया में अंग्रेजों के अत्याचारों की कहानी बयां करता आया है। 13 अप्रैल 1919 को यहां ब्रिटिश साम्राज्यवादियों का क्रूर चेहरा दुनिया ने देखा और हजारों भारतीयों को गोलियों से भून दिया गया।

अफसोस की बात है कि नवीनीकरण के नाम पर डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय तक लोगों को जलियांवाला बाग से दूर रखा गया और अब इसे खोला गया तो हर उस देशभक्त का मन दुखी हुआ जिसने जलियांवाला बाग का पहला रूप देखा है। जो लोग पहली बार जलियांवाला बाग आएंगे, वे तो नहीं जानते कि यहां क्या था और वह कुआं कहां गया जिसमें 120 लोग शहीद हुए थे।

उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग का असली रूप बिगाड़ दिया गया। शहीदी कुएं को खत्म कर दिया, उसके स्थान पर शीशे से ढका हुआ एक डिब्बा सा रह गया। उसकी गहराई कम कर दी। पानी खत्म कर दिया। यह भी कहा जा रहा है कि इस पर बीस करोड़ खर्च किए गए। प्रो. चावला ने पत्र में पीएम से कहा कि अच्छा होता आप स्वयं उद्घाटन करने आते और यह पूछते कि बीस करोड़ रुपये कहां लगे हैं। आपने जलियांवाला बाग पहले देखा है। शायद आप स्वयं भी पहचान न पाते। शहीदी मशाल को छोड़कर कुछ भी विरासती नहीं। प्रधानमंत्री जी से यह अपील है कि एक तो जिन इंजीनियरों ने बाग को सुंदर बनाने का काम किया है उनसे शहीदी कुआं पुराने व असली रूप में ही बनवाएं। जांच यह भी करवाएं कि बीस करोड़ रुपये किस किस काम पर लगे। बाग को जो भी देखेगा वह स्वयं ही समझ लेगा कि बीस करोड़ रुपया बाग पर नहीं लगा। कहां गया यह तो आप जांच का आदेश दें तभी पता चलेगा। अमृतसर की जनता, हम सब और शहीदों के परिवार जलियांवाला बाग का रूप कुरूप करने से दुखी हैं।

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