स्मार्ट सिटी में तैयार किए 18 चौराहों पर लगाई इंटरलाकिग टाइलों पर उठे सवाल, पढ़ें क्या कह रहे हैं लोग..

शहर के 22 चौराहों को 25 करोड़ रुपये की लागत से ब्यूटीफिकेशन करने और वहां पर हादसे रोकने के लिए इंटरलाकिग टाइलें लगाकर ऊंचा करने का काम चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:00 AM (IST)
स्मार्ट सिटी में तैयार किए 18 चौराहों पर लगाई इंटरलाकिग टाइलों पर उठे सवाल, पढ़ें क्या कह रहे हैं लोग..
स्मार्ट सिटी में तैयार किए 18 चौराहों पर लगाई इंटरलाकिग टाइलों पर उठे सवाल, पढ़ें क्या कह रहे हैं लोग..

जासं, अमृतसर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के 22 चौराहों को 25 करोड़ रुपये की लागत से ब्यूटीफिकेशन करने और वहां पर हादसे रोकने के लिए इंटरलाकिग टाइलें लगाकर ऊंचा करने का काम चल रहा है। इसमें से 18 चौक में काम पूरा हो चुका है और करीब चार में कार्य जारी है। इन चौराहों को जंक्शन के तौर पर विकसित किया गया है। यहां पर रात को रोशनी के लिए हाई मास्ट लाइटें भी लगाई गई हैं। मगर मजीठा रोड स्थित गुरु गोबिंद सिंह चौक में हाई मास्ट लाइट लगी नहीं दिखी। वहां किनारों में खभों पर स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। डिवाइडरों को रंग रोगन किया गया है। ऐसे में जब आप इन चौक से गुजरने लगें तो सावधानी से वाहन चलाएं।

वहीं इसको लेकर शहरवासी विरोध करने लगे हैं। इंटरनेट मीडिया पर लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं। वह भड़ास निकालते हुए कह रहे हैं कि केवल पैसे खाने और चहेते ठेकेदारों को फायदा दिलवाने के लिए इन चौराहों में इंटरलाकिग टाइलें लगा दी गई और इससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। वहां स्लोप पर काले रंग के पत्थर लगाए गए हैं। अंधेरे में ऊंचाई दिखती नहीं और गाड़ी उछलती है जिससे हादसे का खतरा होता है। कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर एलईडी ब्लिंकिंग लाइट्स लगानी चाहिए जिससे वाहन चालक को दूर से पता चल सके कि वहां पर चढ़ाई है। इस संबंधी वायस आफ अमृतसर संस्था ने अपने फेसबुक पेज पर इस संदेश डाला है। इसमें इन ऊंचे किए गए चौराहों को लेकर सवाल उठाया गया है कि कोई सिविल इंजीनियर यह बता सकता है कि चौराहों में टाइलें लगाकर ऊंचा करने से क्या फायदा है। निगम कमिश्नर का तर्क

वाहन चालकों की स्पीड पर होगा नियंत्रण इसलिए बनाए जंक्शन

निगम कमिश्नर एमएस जग्गी ने कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के मुताबिक ये जंक्शन तैयार किए गए है, क्योंकि अकसर देखने में आता है कि चौराहों में वाहन चालक स्पीड से निकलते है। इस कारण हादसा होने का खतरा रहता है। मगर जंक्शन को डिजाइन करने से वाहन चालक धीमी रफ्तार में निकलते हैं और साइड से निकलने वाले वाहनों के लिए भी जगह बचती है। एक्सपर्ट व्यू

चौक पर होने वाले हादसों पर लगेगी ब्रेक

आर्किटेक्ट वरुण श्रीधर ने कहा कि चौराहों में तेज रफ्तार ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए इस तरह के कांसेप्ट का प्रयोग किया जाता है। इससे वाहनों की स्पीड कम होगी और हादसा होने का खतरा भी टल जाता है। ऐसे में वाहन चालकों की तेज रफ्तार पर नियंत्रण के लिए यह कदम अपनाया गया है। दूसरा एलईडी ब्लिंकिंग लाइट्स हाईवे पर ही लगाई जाती हैं, चौराहों पर नहीं। फेसबुक पर विरोध करने वाले लोगों ने क्या-क्या कहा

-फेसबुक पर मनी अरोड़ा नाम के व्यक्ति ने लिखा है कि चौराहों को केवल अपने फायदे के लिए तैयार करवाया गया है जबकि उनका यहां पर एक्सीडेंट हो गया था और वह चोटिल भी हो गए थे। उन्होंने लिखा है कि सरकारें केवल अपने ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए सोच रही हैं।

-वायस आफ अमृतसर की सदस्य इंदू अरोड़ा ने कहा कि चौक में टाइलें लगातर किस तरह से शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है। केवल टाइलें बनाने वाले लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। इनसे सवाल करना चाहिए कि आखिर बताया जाए कि चौराहों पर जो टाइलें लगाई गई है। उनका आम लोगों को क्या फायदा है। उल्टा ट्रैफिक व्यवस्था खराब करने व हादसे करवाने का इंतजाम किया गया है।

-वायस आफ अमृतसर के पूर्व प्रधान सीनू अरोड़ा ने कहा कि चौराहों पर टाइलें लगाकर पैसों की बर्बादी की गई है। बिना किसी योजना के ब्यूटीफिकेशन के नाम पर ऐसा किया गया है। काम की क्वालिटी भी बहुत ज्यादा खराब है। प्रशासन बिना सोचे-समझे पैसे खर्च कर रहा है। यूं भी कह सकते हैं कि अंदर खाते सभा मिले हुए हैं।

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