एसजीपीसी के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए एक अगस्त को बुलाया पंथक इकट्ठ
सिख सद्भावना दल की ओर से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खिलाफ संघर्ष शुरू करने का फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : सिख सद्भावना दल की ओर से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खिलाफ संघर्ष शुरू करने का फैसला लिया है। एसजीपीसी सिख विरासत की निशानियों को खत्म कर रही है। इस मुद्दे पर सारी सिख संगत को एकजुट करने के लिए संगठन ने एक अगस्त को अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
सिख सद्भावना दल के मुखी व श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी बलदेव सिंह वड़ाला ने कहा कि एक अगस्त को जो पंथक इकट्ठ बुलाया गया है। उस इकट्ठ में संगत की ओर से एसजीपीसी के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए सभी सिख जत्थेबंदियों की राय लेकर नए संघर्ष का प्रोग्राम तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक सुनियोजित राजनीति के तहत एसजीपीसी सिखों की विरासत और निशानियों को मिटा रही है। यही कारण है कि खोदाई के दौरान अकाल तख्त साहिब के पास जो सुरंग मिली है। उसकी सच्चाई को खत्म करने के लिए पास में ही कार सेवा के नाम पर जोड़ा घर बनाना शुरू कर दिया है। एसजीपीसी की ओर से कार्यकारिणी में पहले ही प्रस्ताव पारित किया जा चुका है कि श्री गुरु राम दास सराय को तोड़ कर उसकी रेनोवेशन की जाएगी। इस सराय से भी विरासती निशानियों को मिटाने की योजना है। उन्होंने बताया कि एसजीपीसी आरटीआइ के तरह सूचना आयोग के पास लिखित जवाब दे चुकी है कि आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में हुई इमारतों की हानि को लेकर एसजीपीसी ने कोई भी न तो वीडियो संभाल कर रखी है और न ही कोई अन्य तरह के सुबूत संभाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने केस केंद्र सरकार के खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये के मुआवजे को लेकर किया हुआ है। इस केस पर समझौते की बात चल रही है। एसजीपीसी इस केस को हरवाने के लिए ही विरासतों को खत्म करने जा रही है, जिस संगत होने नही देगी।