अमृतसर में अोवरब्रिज गिरने से कोहराम मचा, मलबे में दबे 11 लोगोें को निकाला
अमृतसर में साेमवार देर रात श्री गुरुरामदास जी डेंटल कालेज के सामने एक अोवरब्रिज का हिस्सा गिर गया। इस पर बस शैल्टर का नया डाला गया लैंटर एकाएक गिर गया। इससे 11 लोग घाायल हाे गए।
जेएनएन, अमृतसर। यहां जीटी रोड पर साेमवार देर रात श्री गुरुरामदास जी डेंटल कालेज के सामने एक अोवरब्रिज का हिस्सा गिर गया। अोवरब्रिज पर बस रेपिड ट्रांजिस्ट सिस्टम के तहत बन रहे बस शैल्टर का नया डाला गया लैंटर करीब एकाएक गिर गया। इससे वहां हड़कंप मच गया और 11 लाेग घायल हो गए। मलबा ओवरब्रिज के नीचे से गुजर रही एक कार पर गिर गया। आेवरब्रिज के नीचे कार कर रहे आठ मजदूर भी मलबे में दब गए। इस घटना से शहर में अफरातफरी मच गई।
जानकारी के अनुसार, बीआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत सौ फुटी रोड के बाहर बन रहे अावरब्रिज के बस शैल्टर का रात को कम चल रहा था और कई मजदूर वहां काम कर रहे थे। साेमवार शाम को इसका लैंटर डाला गया था और मजदूर उस पर बाकी का काम कर रहे थे। देर रात लैंटर डालने की लिए बनाई गई शटरिंग और सरिये का जाल एकाएक नीचे की ओर गिरना शुरू हो गया।इससे पहले की मजदूर कुछ समझ पाते, वह भी शटरिंग के साथ नीचे आ गए।
अमृतसर में गिरा ओवरब्रिज के बस शैल्टर का मलबा और उसमे फंसी कार।
इससे वहां हंगामा और अफरा तफरी मच गया। लैैंटर आैर शटरिंग का मलबा ओवर्रिज के नीचे से गुजर रही एक क्रेटा कार पर भी गिरा। इससे कार में सवार हरदीप सिंह, उनकी चार साल की बेटी व ड्राइवर अंदर फंस गए। पुलिस, फायर ब्रिगेड के कर्मियों व लोगों ने काफी मशक्कत के बाद उनको सुरक्षित बाहर निकाल लिया। घटना में वहां काम कर रहे आठ मजदूर भी मलबे में दब गए। मजदूरों को वहां से निकाला गया। घायल हुए मजदूरों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
ओवरब्रिज का हिस्सा गिरने के बाद राहत कार्य में जुटे लोग।
ठेकेदार की लापरवाही से हुई घटना
गाड़ी के चालक हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह सुलतानविंड रोड से रइया जा रहा था। जब वह लेंटर नीचे गिरा तो शटरिंग की स्पोर्ट के तौर पर लगाई गई पाइप उनकी गाड़ी के शीशे तोड़कर अंदर घुस गई। लेंटर की प्लेटें उनकी
गाड़ी की छत पर गिरी जिसकी वजह से उनकी गाड़ी चकनाचूर हो गई है। उनका कहना है कि काम कर रहे ठेकेदार की लापरवाही के कारण हुई है। ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
अोवर ब्रिज के मलबे से निकाले गए लोगों को अस्पलात ले जाते चिकित्सा कर्मी।
ये मजदूर हुए घायल
घायल हुए मज़दूर झारखंड के रहनेवाले हैं। उनके नाम जगन्नाथ, भुवनेश्वर, विजय, सनिया, रितेश, दुर्गेश, चंदन और भूषण सिंह आदि मौजूद थे। घायलमजदूरों ने बताया कि जब घटना हुई तो उन्होंने इसकी तत्काल जानकारी इंजीनियर यासीन को फोन करके घटना से अवगत करवाया गया, मगर वह नही पहुंचा।
मलबे से निकाले गए मजदूर।
दर्जनों घटनाएं घट चुकी है
स्थानीय लोगों का कहना है कि आंखें मूंद कर बैठे प्रशासनिक अधिकारियों व ठेकेदारों की लापरवाही की वजह से पिछले तीन सालों से यहां दर्जनों घटनाएं घटचुकी है। इल घटनाओं में कई लोग जख्मी हो चुके हैं। दैनिक जागरण ने फ्लाईओवर के साइड इफेक्ट अभियान के तहत पांच दिन पहले ही 100 फुटी रोड के बाहर बन रहे इस शैटर की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। लेकिन, अधिकारियों ने स परक कोई ध्यान नहीं दिया। लीलेंटर गिरने का कारण पुरानी शटरिंग व उस पर अधिक भार रहा है।
मलबे में दबे व्यक्तियों की तलाश करते लोग।