सुरक्षा कवच पहनने के लिए हाहाकार, वैक्सीन नहीं भेज रही सरकार
कोरोना संक्रमण लगातार हावी हो रहा है। वायरस के बदले वेरिएंट के बदलते रूप से लोग परेशान हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना संक्रमण लगातार हावी हो रहा है। वायरस के बदले वेरिएंट ने तेजी से लोगों को संक्रमित करना शुरू कर दिया है। वहीं वायरस की आक्रामकता के बीच लगातार वैक्सीन की किल्लत आ रही है। बुधवार को जिले में महज छह हजार डोज से टीकाकरण का क्रम शुरू किया गया। हालांकि डाक्टरों ने अगले दो दिनों तक टीकाकरण जारी रखने के लिए महज 1916 लोगों को ही डोज लगाई। ज्यादातर वे लोग थे जिन्हें पहली डोज लग चुकी थी और दूसरी लगवाने आए थे। इसी तरह 18 से 44 आयु वर्ग के 125 श्रमिकों को टीका लगाया गया। बुधवार को 100 से अधिक सेंटरों में टीकाकरण का काम नहीं हुआ।
बीते मंगलवार को सिविल अस्पताल में डोज न होने की वजह से टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि बुधवार को सिविल अस्पताल को महज 300 डोज ही मिलीं। टीकाकरण करवाने के लिए लोगों की लाइनें लगी थीं। यही स्थिति गुरुनानक देव अस्पताल में भी बनी। यहां भी 400 डोज ही भेजी गई थीं। मजीठा रोड स्थित ईएसआइ अस्पताल में महज 70 डोज भेजी गईं। यहां दोपहर 12 बजे के बाद टीकाकरण नहीं हो सका। अहम बात यह है कि 16 जनवरी को जब टीकाकरण की शुरुआत हुई थी तब स्वास्थ्य कर्मियों ने ही उत्साह नहीं दिखाया। तब तो दस स्वास्थ्य कर्मियों का इंतजार किया जाता था ताकि डोज खोलकर दस को लगाई जा सके। अब जब वैक्सीन की किल्लत सामने आई है तो लोग लाइनों में लगने को भी तैयार हैं। हालांकि लोगों में आक्रोश है कि सरकार टीका लगवाने के लिए तो प्रेरित कर रही है, पर स्टाक नहीं भेजा जा रहा। भीड़ में खड़े रहने से वह कोरोना संक्रमण का शिकार बन सकते हैं। कम्युनिटी हाल में लगेगी वैक्सीन
रणजीत एवेन्यू स्थित सेटेलाइट अस्पताल में लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए टीकाकरण को शिफ्ट कर दिया गया हैं। अस्पताल के बिल्कुल सामने स्थित कम्युनिटी हाल में टीकाकरण किया गया। यहां खुली जगह है, जबकि सेटेलाइट अस्पताल में सीमित स्थान था। लोगों की भीड़ यहां जमा हो जाती थी और शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा था। लक्ष्य से पीछे विभाग
जिले में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। तकरीबन चार माह में महज तीन लाख 28 हजार 439 लोगों को ही टीका लग सका है। इस गति से अमृतसर की तकरीबन 26 लाख जनसंख्या को कवर करने में तकरीबन पौने तीन साल का वक्त लग सकता है। यह लंबा अरसा है।