एक तो बीमारी का मर्ज, दूसरा डाक्टर बढ़ा रहे दर्द
पे-कमीशन की सिफारिशों का विरोध कर रहे डाक्टरों की हड़ताल लंबी चली गई है।
जासं, अमृतसर: पे-कमीशन की सिफारिशों का विरोध कर रहे डाक्टरों की हड़ताल लंबी चली गई है। करीब सवा माह से डाक्टर संघर्ष की राह पर हैं और सेहत सेवाएं सिसक रही हैं। एक तो मरीजों को बीमारी का मर्ज है और दूसरा डाक्टर इलाज न करके उनका दर्द बढ़ा रहे हैं।
मंगलवार को भी डाक्टरों ने जिले के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं ठप कर दीं और सरकार विरोधी नारे लगाए। गुरु नानक देव अस्पताल, सिविल अस्पताल, ईएनटी अस्पताल, टीबी अस्पताल, सरकारी मेडिकल कालेज, ईएसआइ अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर वेरका व सभी ब्लाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। यहां तक कि क्लेरिकल काम भी ठप रहे। पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय में धरना लगाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. मदन मोहन की अगुआई में सभी प्रोग्राम आफिसर व युवा डाक्टर भी धरने में शामिल हुए। डाक्टरों ने रोष रैली भी निकाली। डाक्टरों ने कहा कि सरकार पे-कमीशन में संशोधन रद करे। अन्यथा यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा। वहीं इलाज करवाने आए मरीज कार्यालय के बाहर खड़े होकर डाक्टरों की हड़ताल समाप्त होने का इंतजार करते रहे, पर डाक्टरों ने काम का बहिष्कार रखा। डाक्टरों ने धरने में डाली बोलियां
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. भारती धवन ने धरने में बोलियां गाकर विरोध दर्ज किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना मरीजों का उपचार किया, लोगों का वैक्सीनेशन किया। अब सरकार उन्हें इसका यह सिला दे रही है। प्रोग्राम आफिसरों ने अपने अपने कमरों को ताला लगाकर धरना लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि आठ अगस्त तक उनकी मांग सरकार ने न मानी तो वे स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्णत: बहिष्कार कर देंगे। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह, डा. रूपम चौधरी, डा. गुरसेवक, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. भारती धवन, डा. रशमी विज, डा. सुनील वधावन, डा. नीलम, डा. ओमप्रकाश, डा. विनोद कौंडल, डा. अंजना, डा. गगनजोत, डा. रीतिका, डा. विनीत आदि उपस्थित थे। ईएसअइ अस्पताल में कर्मचारी नेता अशोक शर्मा ने धरनाकारी डाक्टरों व सहयोगी स्टाफ से कहा कि सरकार नींद से जाग नहीं रही, पर कर्मचारी सोये नहीं हैं। सरकार को डाक्टरों से कोई सरोकार नहीं, कम से कम मरीजों की पीड़ा तो देख ले। हम फिर भी इमरजेंसी में सेवाएं देकर मरीजों की जांच कर रहे हैं, पर सरकार पे-कमीशन की सिफारिशों पर गौर नहीं कर रही।