अमृतसर से बिना परमिट के दौड़ रही 100 बसें, सिर्फ दो के पास ही मंजूरी
निजी ट्रांसपोर्ट माफिया पंजाब सरकार के खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है।
जासं, अमृतसर: निजी ट्रांसपोर्ट माफिया पंजाब सरकार के खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है। इन दिनों बिना टैक्स दिए सड़कों पर चल रही बसों पर परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है। इस बीच बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है। वो यह कि शहर से रात को चलाई जा रही टूअर एंड ट्रैवल्स की 102 बसों में से सिर्फ दो के पास ही परमिट है और बाकी 100 बसें बिना परमिट लिए दौड़ रही हैं। जिन दो बसों के पास परमिट है वो अमृतसर से चंडीगढ़ रूट के लिए है। बाकी अवैध बसें दिल्ली रूट पर 43, चंडीगढ़ रूट पर 16, जम्मू रूट पर 27, जयपुर रूट पर 10, गंगानगर रूट पर चार और कुछेक अलग-अलग रूट पर चल रही हैं। यह जानकारी आरटीआइ (सूचना का अधिकार) के तहत परिवहन विभाग से हासिल हुई है जो आरटीआइ एक्टिविस्ट व आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने डाली थी।
सुरेश कुमार शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि परिवहन मंत्री राजा वड़िग ट्रांसपोर्ट माफिया पर कार्रवाई करने की बजाय छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ कर वाहवाही बटोर रहे हैं। ऐसे में जो बस माफिया सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा है, उस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोआइबिबो, मेकमायट्रिप व रेडबस के अलावा रेलवे स्टेशन अमृतसर के बाहर, हाल गेट चौक व सिटी सेंटर में काउंटर लगाकर इन अवैध बसों में सीटों की बुकिग की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। उन्होंने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और परिवहन मंत्री अमरिदर सिंह राजा वड़िग से मांग की है कि इन् अवैध बसों को जब्त कर सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचने से रोका जाए और भ्रष्ट अधिकारियों को मुअत्तल किया जाए। बड़ा सवाल: अवैध रूप से दौड़ रही बसों को अब तक जब्त क्यों नहीं किया?
100 बसों के बिना परमिट दूसरे राज्यों तक बिना परमिट दौड़ने पर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल खड़े होते हैं। इसमें कहीं न कहीं अधिकारियों की मिलीभगत नजर आती है। द मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 207 के अनुसार पुलिस, आरटीए स्टाफ बिना परमिट चल रहे वाहनों को जब्त कर सकता है। परंतु ट्रांसपोर्ट माफिया के अधिकारियों से मिलीभगत होने के कारण आज तक कार्रवाई नहीं हूई। यात्रियों के लिए नुकसानदायक
सुरेश शर्मा ने कहा कि बिना परमिट बसों में सफर करना यात्रियों के लिए नुकसानदायक है। यदि बस का हादसा हो जाए तो इश्योरेंस कंपनियां भी इनमें सफर करने वाली सवारियों के क्लेम क्लीयर नहीं करतीं। पंजाब में स्लीपर बसों पर पाबंदी, दूसरे राज्यों के नंबर पर चल रही बसें
पंजाब सरकार ने स्लीपर बसों पर पाबंदी लगाई हुई है, लेकिन अमृतसर से चल रही इन बसों में कई स्लीपर बसें हैं। ट्रांसपोर्ट माफिया यहां पर रोक होने के कारण दूसरे राज्यों के नंबर की बसें शहर से चला रहा है। जानकारी नहीं, मौके पर जाकर चेक करेंगे: आरटीए सेक्रेटरी
आरटीए सेक्रेटरी अर्शदीप सिंह लुबाना का कहना है कि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है। इस बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उनके ध्यान में अब यह मामला आया है तो जहां जहां से ये बसें चल रही हैं, वहां जाकर खुद देखेंगे और इस पर सख्त एक्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से हिदायतें हैं कि इस पर सख्त कार्रवाई की जाए और वह बिना दस्तावेज व बिना टैक्स दिए सड़कों पर दौड़ रही बसों को पकड़ने का काम कर रहे हैं। आरटीए सेक्रेटरी ने पकड़ी दो बसें, परमिट किसी और का, लिखवा रखा था बाबा बुड्ढा साहिब
बिना परमिट और नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर दौड़ रही बसों पर आरटीए सेक्रेटरी अर्शदीप सिंह लुबाना ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को उन्होंने दो बसों को जब्त किया। एक बस फतेहगढ़ चूड़ियां रोड तो एक बस हरतेज अस्पताल के पास से जब्त की गई। दोनों बसों पर बाबा बुड्डा साहिब जी लिखा हुआ था। आरटीए सेक्रेटरी ने जब इन बसों को रोका तो इनके चालकों से कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुआ। जब जांच की गई तो इन बसों का परमिट तो था, लेकिन वह बार्डर लिकर के नाम पर था। आरटीए सेक्रेटरी का कहना था कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।