एनआरआइ की अपील पर हुआ सिर्फ रजिस्ट्रियों का काम
डीसी दफ्तर इंप्लाइज एसो. की हड़ताल के कारण तहसील-वन और तहसील-टू के साथ-साथ एसडीएम तहसीलदार सब तहसील दफ्तर डीसी दफ्तर में कोई काम नहीं हुआ
जागरण संवाददाता, अमृतसर
डीसी दफ्तर इंप्लाइज एसोसिएशन की हड़ताल के कारण तहसील-वन और तहसील-टू के साथ-साथ एसडीएम, तहसीलदार, सब तहसील दफ्तर, डीसी दफ्तर में कोई काम नहीं हुआ, लेकिन एनआरआई की मांग को लेकर दोनों तहसीलों में सिर्फ रजिस्ट्रियों के काम हुए। इस संबंध में एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अश्नील कुमार से एनआरआइ लोगों का एक डेलीगेशन मिला था, जिन्होंने मांग की थी कि उनके काफी पैसे लग चुके हैं और उनकी फ्लाइटें भी हैं, इसलिए उनकी रजिस्ट्रियां हड़ताल के कारण अटकी हुई हैं। इसी के चलते शुक्रवार को एसोसिएशन के सदस्यों ने सिर्फ रजिस्ट्रियों का ही काम किया। तहसील वन में 23 अप्वाइंटमेंट थी और 12 डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन और तहसील टू में 136 डाक्यूमेंट्स रजिस्ट्रेशन हुए। डीसी दफ्तर इंप्लाइज एसोसिएशन की बैठक शनिवार को होगी, जिसमें अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
एसो. के जनरल सेक्रेट्री अश्नील कुमार ने कहा कि कुछ एनआरआइ उनसे मिले थे। उन्होंने मांग की थी कि पिछले कुछ दिनों से हड़ताल के कारण उनकी रजिस्ट्रियां नहीं हो रही हैं। उन्होंने विदेश जाना है और उनकी टिकटें भी बुक हैं। अगर रजिस्ट्री नहीं हुई तो उन्हें लाखों का नुक्सान झेलना पड़ सकता है। जिसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों के ध्यान में यह मामला लाया गया और उन्होंने कुछ जिलों में रजिस्ट्री करने के काम को हरी झंडी दी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई काम नहीं हुआ। उनकी हड़ताल जारी है। शनिवार को इस संबंधी बैठक होगी और उसमें कुछ फैसला होने की संभावना है।
वसीका नवीस यूनियन के प्रधान नरेश शर्मा, महासचिव दविदर सिंह ने कहा कि डीसी इंप्लाइज यूनियन का यह फैसला सराहनीय है। एनआरआइ लोगों के साथ-साथ बाकी के लोगों को भी काफी राहत मिली है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि यूनियनों की मांगे सरकार को मान लेनी चाहिए ताकि हड़ताल खुल सके और लोगों के काम हो सके।
रेवेन्यू पटवार यूनियन ने भी नहीं किया कोई काम
अपनी मांगों को लेकर रेवेन्यू पटवार यूनियन भी हड़ताल पर है। वीरवार को उन्होंने सामूहिक छुट्टी लेकर हड़ताल करके दफ्तरों के ताले लगा दिए थे। शुक्रवार को भी उन्होंने कोई काम नहीं किया। यूनियन के प्रधान कुलवंत सिंह डेहरीवाल का कहना है कि जब तक उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता जब तक उनकी हड़ताल भी जारी रहेगी।