ज्ञानी मान सिंह त्यागपत्र पर बीबी जगीर कौर करे संगत को स्थिति स्पष्ट: प्रो सरचांद
श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी मान सिंह का त्यागपत्र इंटरनेट मीडिया पर विभिन्न तरह की चर्चा का विषय बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी मान सिंह का त्यागपत्र इंटरनेट मीडिया पर विभिन्न तरह की चर्चा का विषय बना हुआ है। दमदमी टक्साल ने कहा कि अगर ज्ञानी मान सिंह से यह त्यागपत्र एसजीपीसी की ओर से जबरदस्ती या किसी दबाव में लिया गया है तो ज्ञानी मान सिंह को इस संबंध में खुल कर संगत के सामने मीडिया के माध्यम से आना चाहिए। अगर ऐसा नही है तो इंटरनेट मीडिया पर जो प्रचार हो रहा है उस संबंध में एसजीपीसी अध्यक्ष जगीर कौर को संगत को स्पष्ट करना चाहिए। क्योंकि एसजीपीसी की अध्यक्ष हर छोटी छोटी घटना की चेतावनी देती हैं। परंतु अब इंटरनेट मीडिया पर श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी के महत्वपूर्ण पद पर तैनात ज्ञानी मान सिंह के खिलाफ प्रचार हो रहा है तो एसजीपीसी की अध्यक्ष चुप क्यों है।
टकसाल के प्रवक्ता और सिख छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष सरचांद सिंह ने कहा कि ज्ञानी मान सिंह के साथ अगर धक्का किया गया है तो उनकों गुरुद्वारा एक्ट की धारा 134 व 135 का उपयोग करते हुए अपनी बेगुनाही का पक्ष अदालत या जांच बोर्ड के समक्ष रख सकते है। अगर कोई गलती है तो ज्ञानी मान सिंह श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपनी गलती बता कर श्री अकाल तख्त साहिब से माफी ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मामले पर प्रबंधकों की चुप्पी और इंटरनेट मीडिया पर हो रहा प्रचार कई तरह के सवाल पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि ज्ञानी मान एक जिम्मेवार पोस्ट पर तैनात थे उनके त्यागपत्र या फिर उनकी छुट्टी संबंधी विचार एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी में क्यों नहीं किया गया। अगर सच में ज्ञानी मान सिंह बीमार थे तो वह लम्बी छुट्टी भी ले सकते थे। क्योंकि बीमारी के कारण काम न करने की बात संगत के गले से उतर नही रही है। इस लिए एसजीपीसी इस मामले में संगत को स्थिति स्पष्ट करे।