45 से अधिक वालों को टीका नहीं, डेढ़ महीने में सिर्फ 19 प्रतिशत को लगी दोनों डोज

कोविशील्ड की आपूर्ति ठप होने का प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:00 AM (IST)
45 से अधिक वालों को टीका नहीं, डेढ़ महीने में सिर्फ 19 प्रतिशत को लगी दोनों डोज
45 से अधिक वालों को टीका नहीं, डेढ़ महीने में सिर्फ 19 प्रतिशत को लगी दोनों डोज

नितिन धीमान, अमृतसर: कोविशील्ड की आपूर्ति ठप होने का प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं। इनमें 45 से अधिक आयु के उन लोगों की संख्या सर्वाधिक है जो पहली डोज लगवा चुके थे और दूसरी डोज लगवाना चाहते हैं। कुछ ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज लगवाए 45 दिन से अधिक बीत चुके हैं। जिले में 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों में से 94 प्रतिशत को पहली डोज लग चुकी है, जबकि महज 19.36 लोगों को दूसरी डोज लगी है। ऐसे में बाकी बचे 80 फीसद लोगों को कोरोना से बचाव के लिए डोज लगाना सेहत विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन रही है।

दरअसल, कोरोना की बढ़ती रफ्तार से भयजदा हर व्यक्ति अब वैक्सीन लगवाने को तैयार है, पर आपूर्ति न होने से निराश हैं। गुरुनगरी में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। शुरुआती चरण में कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने ही टीका लगवाने से इंकार किया था, लेकिन जैसे-जैसे कोरोना विकराल होता गया, वैसे ही टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ती गई। एक अप्रैल को 45 से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत हुई। जिले में 2 लाख 31 हजार 11 लोग 45 से अधिक आयु के पंजीकृत किए गए हैं। तकरीबन सवा माह बीत चुका है। इस अवधि में एक लाख 92 हजार 135 लोगों ने पहली डोज लगवा ली, जबकि दूसरी डोज सिर्फ 39 हजार 8 लोगों को ही लग पाई। यानी एक लाख 52 हजार 817 लोग दूसरी डोज लगने का इंतजार कर रहा है। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, सरकारी बेरुखी का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। जिले के 232 वैक्सीन सेंटरों में प्रतिदिन इस आयु वर्ग के लोग दूसरी डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने बिना पूर्व सूचना के ही 222 वैक्सीन सेंटरों में टीकाकरण बंद कर दिया है। सिर्फ 16 वैक्सीन सेंटरों पर टीकाकारण की खानापूर्ति हो रही है। यहां भी 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को राज्य सरकार द्वारा भेजी गई कोवैक्सीन से पहली डोज लगाई जा रही हैं। सोमवार को 232 में सिर्फ 16 वैक्सीन सेंटरों पर हुआ टीकाकरण

सिविल अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल, गुरुनानक देव अस्पताल, पांचों सेटेलाइट अस्पतालों में वैक्सीनेशन नहीं हुई। रंजीत एवेन्यू स्थित सेटेलाइट अस्पताल में दूसरी डोज लगवाने 77 वर्षीय अरुण मेहरा पहुंचे। स्टाफ ने जवाब दिया कि नहीं लगेगा। आज 18 से अधिक हेल्थ वर्करों के परिवार, श्रमिक व 18 से 44 साल तक जिन्हें बीमारी हैं, केवल उन्हें ही लगेगा। शहर के केंद्र में स्थित जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में वैक्सीन संकट पिछले पांच दिन से जारी है। यहां वैक्सीन की प्रक्रिया ठप हो गई है। वैक्सीन सेंटर के बाहर नोटिस चिपकाया गया है कि टीके उपलब्ध नहीं। एसएमओ डा. चंद्रमोहन के अनुसार उन्हें वैक्सीन का स्टाक मिल नहीं रहा। सिर्फ 1732 को लगा टीका

सोमवार को भी टीकाकरण की स्थिति खराब रही। महज 1732 लोगों को ही टीका लग पाया। इनमें 234 श्रमिक, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 18 से अधिक आयु के 1106 लोग व स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों के 327 लोग शामिल थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में अब कोवैक्सीन की 5360 डोज शेष हैं। जहां श्रमिकों की संख्या ज्यादा, वहां लगाई जा रही वैक्सीन: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह के अनुसार श्रमिकों व 18 प्लस को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। हम उन ब्लाकों में टीकाकरण करवा रहे हैं जहां श्रमिकों व 18 प्लस से अधिक आबादी रहती है। जिले के बड़े अस्पतालों में टीकाकरण इसलिए नहीं किया जा रहा क्योंकि कोविशील्ड का स्टाफ खत्म है। दूसरा कारण यह भी है कि बड़े अस्पतालों में मरीज आते हैं। टीकाकरण के दौरान संक्रमण का खतरा भी रहता है।

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