नार्थ सीट शिअद की पक्की, अब 100 दिन 100 हलके में घूमेंगे जोशी
शिअद में शामिल होने के बाद अनिल जोशी ने शनिवार को मिलन समारोह पर अपनी ताकत दिखाई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने के बाद अनिल जोशी ने शनिवार को फतेहगढ़ चूड़ियां रोड पर स्थित एक रिजोर्ट में मिलन समारोह कर शक्ति प्रदर्शन किया। समारोह में भारी संख्या में पहुंचे वर्करों में जोशी ने जहां जोश भरा, वहीं उनका जोश को देखते हुए सुखबीर बादल ने जोशी की पीठ थपथपाते कहा कि उनके हलके की जीत तो इस रैली से सुनिश्चित हो गई है। अब वह इस हलके की जिम्मेवारी अपने वर्करों को सौंपकर उनकी तरह 100 दिन 100 हलके में जाकर घूमें और वर्करों की नब्ज टटोलें।
मिलन समारोह में अनिल जोशी ने कहा कि पंजाब की जनता अब बदलाव चाहती है और बदलाव होकर रहेगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने एक सप्ताह में नशा खत्म करने की कसम खाई, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का वादा भी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अकाली दल ही ऐसी पार्टी है, जिसने लोगों से किए वायदे पूरे किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पांच बार मुख्यमंत्री रहे, जोकि एक मिसाल है।
मजीठिया बोले-सिद्धू को सिर्फ ताली ठोनी आती है, चन्नी, बाजवा व सरकारिया नो कांफिडेंस प्रस्ताव लाएं
मिलन समारोह में पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सिद्धू को सिर्फ ताली ठोकनी आती है, लेकिन काम उन्हें कुछ भी नहीं आता। अपने राजनीतिक करियर में उनकी एक भी उपलब्धि है तो वह जनता के बीच गिनाएं। अब वह लोगों को तीन रुपये बिजली देने का वादा कर रहे हैं, उन्होंने यह वादा तब पूरा क्यों नहीं किया, जब उन्हें बिजली मंत्री बनाया गया था। अब चुनाव आ रहे हैं तो उन्हें कुर्सी की भूख लगी हुई है। उन्होंने पूर्व आइजी व आप नेता कुंवर विजय प्रताप सिंह पर भी हमला बोला। कहा कि वह जनता को बेवकूफ बनाने के लिए आए हैं, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, तृप्त राजिदर सिंह बाजवा, सुखबिदर सिंह सरकारिया व अन्य मंत्रियों से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह असल में कैप्टन के खिलाफ हैं तो विधानसभा में नो कांफिडेंस प्रस्ताव लाएं, नहीं तो जनता को बेवकूफ न बनाएं।
इस अवसर पर वीर सिंह लोपोके, गुलजार सिंह राणिके, लखबीर सिंह लोधीनंगल, तलबीर सिंह गिल, गुरप्रताप सिंह टिक्का, नीरज वडाला, तलविदर सिंह भाटिया, सतीश पुंज, जुगल महाजन, सुभाष पप्पू व भारी संख्या में वर्कर मौजूद थे।