ईएसआइ में नहीं है गायनोकोलोजिस्ट, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट करवां रहीं डिलीवरी
मजीठा रोड स्थित ईएसआइ अस्पताल में गायनोकोलाजिस्ट नहीं है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
मजीठा रोड स्थित ईएसआइ अस्पताल में गायनोकोलाजिस्ट नहीं है। दो वर्ष पहले तक यहां चार गायनोकोलाजिस्ट थीं। इनमें से दो सेवानिवृत्त हो गईं हैं, जबकि दो को विभागीय पदोन्नति मिली और स्थानांतरित कर दिया गया। ऐसी स्थिति में अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. जसविदर कौर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कर रही हैं।
यहां कार्यरत गायनी डाक्टर सिमरत पदोन्नत होकर सरकारी मेडिकल कालेज चली गई हैं, वहीं गायनी डा. जसविदर को ईएसआइ विभाग ने पदोन्नत कर इसी अस्पताल का मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बना दिया है। एक अन्य डा. जसमिदर व डा. रुपिदर व सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। विभाग ने इनके स्थान पर गायनोकोलाजिस्ट की व्यवस्था नहीं की। डा. जसविदर ने डेढ़ माह पूर्व इस अस्पताल के प्रशासकीय कार्य की कमान संभाली है, पर जब विभाग ने गायनी डाक्टर नहीं भेजे तो उन्होंने गायनोकोलाजिस्ट का काम भी संभाल लिया। आम तौर पर कुर्सी मिलने के बाद डाक्टर ओपीडी, आपरेशन या डिलीवरी आदि नहीं करते, पर डा. जसविदर ऐसे डाक्टरों के लिए उदाहरण बनकर उभरी हैं। वह प्रतिदिन आठ से दस महिलाओं की डिलीवरी करवा रही हैं। कई गर्भवती महिला को यदि रात में प्रसव पीड़ा उठती है तो डा. जसविदर स्वयं अस्पताल में आकर उसकी डिलीवरी करवाती हैं। ओपीडी में महिलाओं की जांच जारी रहे, इसके लिए वेरका अस्पताल से एक मेडिकल आफिसर डा. राजिदर कौर को यहां लगाया गया है।
ईएसआइ अस्पताल में अधिकतर कार्ड धारक इलाज करवाते हैं। विशेषकर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए यहीं आते हैं। यदि किसी कारणवश ईएसआइ में डिलीवरी न हो पाए तो प्रसूता को निजी अस्पताल में रेफर करने का भी प्रावधान है। निजी अस्पताल में उपचार की मद में खर्च होने वाली राशि का भुगतान भी ईएसआइ विभाग करता है। यही वजह है कि ईएसआइ अस्पताल में इलाज करवाने के लिए भारी संख्या में मरीज उमड़ते हैं। डिलीवरी बंद नहीं कर सकते थे : डा. जसविदर
एमएस डा. जसविदर के अनुसार गायनोकोलोजिस्ट उपलब्ध करवाने के लिए ईएसआइ विभाग को लिखा है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही मांग पूरी होगी। हम डिलीवरी की प्रक्रिया किसी भी सूरत में बंद नहीं कर सकते थे। यदि ऐसा करते तो लोगों को यह लगता कि ईएसआइ अस्पताल में डिलीवरी नहीं होती। गायनी डाक्टर नहीं थी, तो मैं डिलीवरी कर रही हूं। यह मेरा कर्तव्य भी है। वैसे भी 1998 से स्वास्थ्य विभाग ज्वाइन करने के बाद अब तक तकरीबन 19 हजार डिलीवरी करवा चुकी हूं।