बिना किसी पक्षपात-परिवारवाद के हो मुलाजिम पक्के : आशू

म्युनिसिपल यूथ इंप्लाइज फेडरेशन के प्रधान आशू नाहर ने पंजाब सरकार की तरफ से 4000 सफाई सेवकों को पक्का करने के निर्णय का स्वागत किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:45 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:45 PM (IST)
बिना किसी पक्षपात-परिवारवाद के हो मुलाजिम पक्के : आशू
बिना किसी पक्षपात-परिवारवाद के हो मुलाजिम पक्के : आशू

जागरण संवाददाता, अमृतसर : म्युनिसिपल यूथ इंप्लाइज फेडरेशन के प्रधान आशू नाहर ने पंजाब सरकार की तरफ से 4000 सफाई सेवकों को पक्का करने के निर्णय का स्वागत किया है। हाथी गेट स्थित केंद्रीय वाल्मीकि मंदिर में हुए मुलाजिमों के विशाल एकत्रीकरण में उन्होंने कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी, विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया, विधायक डा. राजकुमार वेरका, विधायक सुनील दत्ती का जहां आभार व्यक्त किया, वहीं मुलाजिमों ने मेयर कर्मजीत सिंह रिटू के पक्ष में नारे लगाते हुए मेयर ने वायदा किया था कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, उन्होंने अपना वायदा पूरा किया है। वह इसकी समय-समय पर पंजाब सरकार के समक्ष पैरवी करते रहे है।

नाहर ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने हमेशा ही अनुसूचित समाज के उत्थान का काम किया है। मेयर रिटू ने मुलाजिमों की हड़तालों में पहुंचकर वादा किया था कि मुलाजिमों क हक में उनके स्तर का जो काम होगा, उसे निगम स्तर पर वह करवाएंगे और वही कच्चे मुलाजिमों का प्रस्ताव पंजाब सरकार को भेज उन्हें पक्का करवाएंगे। उन्होंने निगम प्रशासन से अनुरोध किया कि मुलाजिम पक्के करने की भर्ती प्रकिया में स्थानीय मुलाजिम नेताओं को दूर रखा जाए और सभी मुलाजिमों को उनका बनता हक दिया जाए, जो सालों से नगर निगम में ड्यूटी निभा रहे हैं। इस मौके उनके साथ पदाधिकारी राजकुमार राजू, सैकेटरी राज कल्याण, पवन द्रविड, लव, राजितराम, सिकंदर, विजय कुमार हंसराज के अलावा बडी संख्या में मुलाजिम व उनके परिवारों के सदस्य हाजिर थे। खलल डालने वालों का करेंगे बहिष्कार

आशू नाहर ने कहा कि अनुसूचित समाज के उन लोगों व मुलाजिम नेताओं से सावधान रहें, जो रिटायरसमेंट के बाद भी अपनी दुकानदारी सजा कर बैठे हैं। सबसे पहले उनकी जांच की जाए, कि कहीं उन्होंने अपने किसी रिश्तेदार को तो नौकरी नहीं लगवाया। मुलाजिमों को पक्के बिना किसी पक्षपात व परिवारवाद के किया जाए। नाहर ने चेतावनी दी कि अगर किसी यूनियन ठेकेदार नेता ने किसी अफसर पर दबाव डालकर भर्ती प्रक्रिया में परेशानी खड़ी करने का प्रयास किया तो उसका सामाजिक बहिष्कार करने से गुरेज नहीं होगा।

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