Subhash Chandra Bose Jayanti 2021: छोटी सी मुलाकात में ही पंजाब के क्रांतिकारियों में जोश भर गए थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस

Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 देश को गुलामी की जंजीर से मुक्‍त कराने के संघर्ष के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस क्रांति की भूमि अमृतसर आए थे। इस दौरान छोटी मुलाकात में नेताजी ने क्रातिकारियों में जोश भर दिया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:09 AM (IST)
Subhash Chandra Bose Jayanti 2021: छोटी सी मुलाकात में ही पंजाब के क्रांतिकारियों में जोश भर गए थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की फाइल फोटो और शायर देव दर्द शर्मा।

अमृतसर, जेएनएन। Subhash Chandra Jayant 2021 : नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्‍वतंंत्रता आंदोलन के बीच पंजाब भी आए थे और क्रांति की भूमि अमृतसर में रात गुजारी थी। नेताजी ने अपने भाषणों से लोगों के मन में आजादी की ललक और देशभक्ति की भावना जगाई। 1940 में अमृतसर में नेताली सुभाषचंद्र बोस ने छोटी सी मुलाकात में क्रांतिकारियों में गजब का जोश भर दिया था। 1940 में नेता जी को कोलकाता में अंग्रेज सरकार ने उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया था, लेकिन वह अंग्रेजों को चकमा देकर निकलने में कामयाब रहे। कोलकाता से वह अमृतसर पहुंचे थे और यहां की लाजपत गली में क्रांतिकारी कामरेड सोहन सिंह जोश के घर पर एक रात बिताई थी।

अंग्रेजों को चकमा दे कोलकाता से अमृतसर पहुंचे थे नेताजी, कामरेड सोहन सिंह जोश के घर गुजारी थी रात

इसके बाद अगली सुबह नेताजी सुभाषचंद्र बोस अमृतसर से लाहौर और फिर अफगानिस्तान के रास्ते होते हुए सीधे जापान निकल गए थे। कामरेड सोहन सिंह जोश ने अलग-अलग किताबें लिखीं, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के अमृतसर में रात व्यतीत करने का भी जिक्र है। अमृतसर के कस्बे इस्लामाबाद के बारह मकान इलाके में छिपे क्रांतिकारियों से नेेता जी ने थोड़ी देर के लिए बात की और उन्हें देश पर मर मिटने को तैयार रहने को प्रेरित किया। इस छोटी सी मुलाकात में ही उन्होंने क्रांतिकारियों को गजब का जोश दिया था। नेताजी क्रांतिकारियों को एक नई दिशा दे गए थे और इसके बाद अमृतसर के क्रांतिकारियों ने आजादी के जंग में नई इबारत लिख दी थी।

अमृतसर से लाहौर और फिर अफगानिस्तान के रास्ते गए थे जापान

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इस यात्रा के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यहां से जाने के बाद ही उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। कामरेड सोहन सिंह जोश की किताबों के अनुसार अमृतसर के इस्लामाबाद कस्बे के बारह मकान गलियों में बहुत से क्रांतिकारी रहते थे। जब उन्हें नेता जी के अमृतसर पहुंचने की सूचना मिली तो उन्होंने उनसे संपर्क किया। बोस ने उनसे भारत को आजाद कराने के अपने मिशन पर चर्चा की।

अमृतसर स्थित सुभाष गली, जहां कामरेड सोहन सिंह जोश के घर में रुके थे नेताजी सुभाषचंद बोस।

नेता जी की याद दिलाती है सुभाष गली

पंजाबी के शायर देव दर्द शर्मा ने बताते हैं कि इस क्षेत्र में क्रांतिकारियों का काफी प्रभाव था। दर्द ने कामरेड सोहन सिंह की किताबों में बोस की अमृतसर यात्रा का अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि बारह मकान इलाके में नेताजी के नाम से एक गली भी है, जिसका नाम सुभाष गली रखा गया है। यहां सुभाष बाबू से जुड़ी कोई खास निशानियां तो नहीं हैं, लेकिन उनके यहां आने की चर्चा अकसर होती रहती है।

शर्मा ने बताया, स्वतंत्रता सेनानी कर्मचंद महेंद्रू के साथ भी उनकी एक फोटो है, जो इस बात की पुष्टि करती है कि सुभाष बाबू यहां आए थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह फोटो किस साल का है। नेताजी ने इस दौरान कुछ स्थानीय नेताओं से भी मुलाकात की थी और उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया था।

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