किसानों की सलाह के बिना पराली संबंधी कानून लागू किया तो तेज होगा आंदोलन
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुवाई में चलाया जा रहा रेल रोको आंदोलन 36वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुवाई में चलाया जा रहा रेल रोको आंदोलन 36वें दिन भी जारी रहा। जंडियाला गुरु और बुटारी रेलवे स्टेशन पर किसान धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारी किसान दिन में रेल पटरियों और रात को प्लेटफार्म पर धरना दे रहे हैं। जंडियाला गुरु में किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता सरवण सिंह पंधेर, जर्मनजीत सिंह , रणजीत सिंह और गुरबचन सिंह चब्बा ने कहा कि केंद्र सरकार पराली को जलाने से उठने वाले धुंए को रोकने के लिए सख्त कानून बिना सलाह से जल्दबाजी से लेकर आ रही है। जिसमें एक करोड़ रुपए जुर्माना और पांच वर्ष की कैद की सजा है। परंतु सुप्रीम कोर्ट ने पहले 2400 रुपए प्रति एकड़ प्रति किसान को मुआवजा देने के लिए कहा था, लेकिन सरकारें नहीं दे रही हैं। पराली को खेत में गालने की प्रक्रिया को अभी तक सरकारें लागू नहीं कर पाई है। पराली से उतना प्रदूषण नही होता जितना प्रदूषण इंडस्ट्री से पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से 6 प्रतिशत और इंडस्ट्री से 51 प्रतिशत प्रदूषण पैदा हो रहा है। इंडस्ट्री के लिए कोई भी सख्त कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों ने केंद्र सरकार को मालगाड़ियां शुरू करने के लिए कहा है उनके लिए ट्रैक भी खाली किए हैं। बावजूद इसके केंद्र सरकार मालगाड़ियों को नही चला रही है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार भी किसान विरोधी है। क्यों कि कैप्टन सरकार ने सैक्शन 11के तहत कानून बना कर पंजाब के साथ धोखा किया है।
श्वेत मलिक के घर के बाहर भी धरना जारी
राज्य के 30 किसान मजदूर संगठनों के सांझे गठजोड़ की ओर से राज्य सभा सदस्य श्वेत मलिक के घर के बाहर धरना जारी रखा। इस धरने में आजाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब, किरती किसान यूनियन और किसान संघर्ष कमेटी पन्नू के कार्यकर्ता शामिल है। किसान नेताओं हरजीत सिंह झीते, कंवलप्रीत सिंह पन्नू और जतिदर सिंह छीना, सविदर सिंह , जोगिदर सिंह , हरदेव सिंह ने संबोधित किया।