प्रतियोगी परीक्षाओं में मां बोली दिलाती है रुतबा : कुलवंत सिंह

इंसान अपने दिल के जज्बात गुस्सा व प्यार हमेशा खुद अपनी मां बोली में ही प्रकट करता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 08:31 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:31 PM (IST)
प्रतियोगी परीक्षाओं में मां बोली दिलाती है रुतबा : कुलवंत सिंह
प्रतियोगी परीक्षाओं में मां बोली दिलाती है रुतबा : कुलवंत सिंह

जागरण संवाददाता, अमृतसर : इंसान अपने दिल के जज्बात, गुस्सा व प्यार हमेशा खुद अपनी मां बोली में ही प्रकट करता है। फिर उच्च रुतबे पर सफलता हासिल करने में मां बोली रुकावट कैसे बन सकती है। यह हमारा भ्रम है कि आइएएस या पीसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं सिर्फ अंग्रेजी विषय के साथ ही पास की जा सकती हैं। मुझे गर्व है कि मैं पंजाबी माध्यम से प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल की। यह विचार तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) कुलवंत सिंह ने खालसा कालेज में चल रहे अमृतसर साहित्य उत्सव व पुस्तक मेला 2021 के तीसरे दिन पंजाबी भाषा का गौरव शीर्षक वाले सेशन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए रखे।

पंजाबी भाषा का गौरव प्रोग्राम के तहत सिविल सेवाओं से संबंधित उन अधिकारियों को आह्वान किया, जिन्होंने आइएएस व पीसीएस जैसी मुकाबले की परीक्षा पंजाबी माध्यम या पंजाबी वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर पास की। प्रोग्राम की अध्यक्षता सदस्य पंजाब शिक्षा ट्रिब्यूनल तथा पूर्व प्रमुख सचिव पंजाब जसपाल सिंह ने की। इस समारोह में कुलवंत सिंह आइएएस डिप्टी कमिश्नर तरनतारन, बलविदर सिंह धालीवाल आइआरएस संयुक्त डायरेक्टर, जीएसटी व गुरजीत सिंह पीसीएस डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट ने विशेष तौर पर शिरकत की। मेहमानों का स्वागत करते हुए प्रिसिपल डा. महल सिंह ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि आज वह शख्सियत कालेज के परिसर में पहुंची है, जिन्होंने सबसे चुनौती पूर्ण परीक्षाओं में अपनी मां बोली को तरजीह दी। उन्होंने अपना निजी अनुभव सांझा करते हुए कहा कि जब भाषा या सामाजिक विज्ञान के अनुशासन का कोई विद्वान किसी बड़े शिक्षण संस्थान का मुखी बनता है, तो वह शिक्षण संस्थान अधिकतर तरक्की करते हैं। इस सेशन का संचालन सिख इतिहास खोज केंद्र के मुखी व पंजाबी विभाग के अध्यापक डा. कुलदीप सिंह ढिल्लों ने किया।

श्री गुरु तेग बहादुर रहे मुख्यकर्षण

इससे पहले उत्सव की शुरूआत श्री गुरु तेग बहादुर की बाणी व शहादत का गौरव सेमिनार पर तीसरे अकादमी सेशन से हुई। इसकी अध्यक्षता पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के डा. जसपाल कौर कंग ने की। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) से डा. अमरजीत सिंह मुख्य मेहमान के रूप में पहुंचीं। जबकि सेशन में डा. जगजीवन सिंह, डा. सर्बजीत सिंह व डा. रमनदीप कौर ने अपने पेपर पेश किए।

आज होने वाले कार्यक्रम

खालसा कालेज से पंजाबी विभाग के मुखी डा. आत्म सिंह रंधावा ने आखिरी दिन शुक्रवार के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि दिन की शुरूआत साहित्य, समाज व पत्रकारिता शीर्षक के अधीन पैनल चर्चा से होगी, जिसमें डा. परमजीत सिंह जज, डा. जगरूप सिंह सेखों, डा. रजनीश बहादुर सिंह, बलबीर परवाना, डा. कुलवंत सिंह व डा. हरजिदर सिंह अटवाल हिस्सा लेंगे। जबकि दूसरा सेशन सांस्कृतिक प्रस्तुति का होगा, जिसमें कालेज के विद्यार्थी ढड्ड, सारंगी, झूमर, सम्मी व गिद्दा पेश करेंगे। उत्सव के विदायी समारोह के रूप में पंजाबी विभाग के शानदार हस्ताक्षर के अधीन पंजाबी विभाग के पूर्व अध्यापकों व विद्यार्थियों की मिलनी पर खुली विचार विमर्श होगा, जिसमें वे विभाग की तरक्की में डाले योगदान की अमूल्य यादें सांझा करेंगे।

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