'आवाज मुलाजिम दी सांझा मंच' के बैनर तले लामबंद हुई सात यूनियनें

नगर निगम में मुलाजिमों को उनका हक दिलवाने के लिए नौ यूनियन सक्रिय हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 07:30 PM (IST)
'आवाज मुलाजिम दी सांझा मंच' के बैनर तले लामबंद हुई सात यूनियनें
'आवाज मुलाजिम दी सांझा मंच' के बैनर तले लामबंद हुई सात यूनियनें

जासं, अमृतसर: नगर निगम में मुलाजिमों को उनका हक दिलवाने के लिए नौ यूनियन सक्रिय हैं, लेकिन मुलाजिमों की लंबित चली आ रही मांगों को देखते हुए सात यूनियन एक मंच पर आ गई है। वीरवार को सात यूनियनों पर आधारित आवाज मुलाजिम दी सांझा मंच का गठन किया गया। गठन के साथ ही मंच के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र लिखते हुए मुलाजिमों की तीन अहम मांगों को फोरी तौर पर हल करने की मांग उठाई है।

आवाज मुलाजिम दी सांझा मंच में नगर निगम तालमेल दल, भारतीय मजदूर संघ सफाई सेवक अमृतसर, नगर निगम कर्मचारी एकता संगठन(इंटक), सफाई कर्मचारी यूनियन रजि. नगर निगम, आटो वर्कशाप म्युनिसिपल यूथ इंप्लाइज फेडरेशन, बीआरटीएस इंप्लाइज एकता यूनियन, सीवरेज इंप्लाइज यूनियन नगर निगम अमृतसर शामिल हैं। मंच के प्रधान के तौर पर सुरिदर शर्मा सोनू को नियुक्त किया गया है। राज कुमार राजू को चेयरमैन, कुलदीप सिंह पंडोरी को सचिव और अशोक हंस को सर्वसहमति से उपप्रधान बनाया गया है। तीन मांगों का हल करें सीएम

सांझा मंच ने रणजीत एवेन्यू कार्यालय में बैठक के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के नाम मांग पत्र भेजते हुए पंजाब सरकार से तीन मुख्य मांगों को जल्द लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 1000 मुलाजिमों को अमृतसर नगर निगम में पक्का किया जाए। समूह मुलाजिमों की 2004 से बंद पेंशन को बहाल किया जाए। 2016 से मुलाजिमों का रुका पे स्केल तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। बैठक के बाद मुलाजिमो ने कमिश्नर मलविदर सिंह जग्गी को उनके कार्यालय में जाकर सम्मानित किया। नाहर ने की सात यूनियनों की लामबंदी

विभिन्न गुटों में बंटी निगम यूनियनों को एक मंच पर लाने का काम म्युनिसिपल यूथ इंप्लाइज फेडरेशन के प्रधान आशू नाहर ने किया है। वह सातों को एक प्लेटफार्म पर लाए, ताकि एकजुटता से मुलाजिमों का हक सरकार से लिया जा सके। इस बाबत जब नाहर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह डटकर सांझा मंच के साथ है। उन्हें कुर्सी की कोई लालसा नहीं है। जब तक उनकी सांसें है, वह मुलाजिमों की हक की आवाज बुलंद करते रहेंगे। अगले महीने की शुरूआत में करीब तीन हजार मुलाजिमों का इकट्ठ करके सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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