17 लोगों के जीवन में लौट आया उजाला

उम्र की संध्या में पहुंचते-पहुंचते लोगों की ²ष्टि कमजोर होने लगती है। आंखों से कम दिखाई देने की वजह से रोजाना के कामकाज करने में परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 11:24 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:24 AM (IST)
17 लोगों के जीवन में लौट आया उजाला
17 लोगों के जीवन में लौट आया उजाला

जागरण संवाददाता, अमृतसर

उम्र की संध्या में पहुंचते-पहुंचते लोगों की ²ष्टि कमजोर होने लगती है। आंखों से कम दिखाई देने की वजह से रोजाना के कामकाज करने में परेशानी होती है। ऐसे में पंजाब सरकार ने पंजाब मोतियाबिद मुक्त मिशन की शुरूआत की है। इसके तहत बुधवार को सिविल अस्पताल में 17 मरीजों की आंखों के आपरेशन किए गए। पंजाब सरकार द्वारा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से लोगों के जीवन से अंधेरा मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

सिविल अस्पताल में बख्शीश इंटरनेशनल चेरीटेबल सोसाइटी द्वारा 25 मरीजों को आपरेशन के लिए लाया गया था। हालांकि मेडिकल टेस्ट के दौरान आठ मरीज अनफिट पाए गए। किसी की शूगर ज्यादा थी तो किसी का ब्लड प्रेशर असामान्य था। ऐसे में 17 मरीजों के आपरेशन किए गए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शालू अग्रवाल, डा. मोना चतरथ व उनकी टीम ने मरीजों के आपरेशन किए।

एसएमओ डा. चंद्रमोहन ने बताया कि मोतियाबिद से ग्रसित मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार स्क्रीनिग कैंप लगाए जा रहे हैं। ये कैंप प्राइमरी व कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में लगाए गए हैं। स्क्रीनिग के बाद जिन मरीजों की आंखों में मोतिया की शिकायत है उन्हें सिविल अस्पताल लाकर आपरेशन किए जा रहे हैं। आपरेशन से लेकर दवाएं व लेंस सब नि:शुल्क है। यहां तक कि मरीज को आने जाने का साधन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस अवसर पर सिविल अस्पताल के अप्थेलेमिक अफसर राकेश शर्मा, बख्शीश इंटरनेशनल चेरीटेबल सोसाइटी के अध्यक्ष दलजीत सिंह व अमर सिंह भी उपस्थित थे। मोतिया मुक्त अभियान तहत 1407 मरीजों की जांच

सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री मोतिया मुक्त अभियान के तहत जिले भर में 1407 मरीजों की जांच की गई है। चेकअप दौरान 306 मरीज मोतिया रोग से पीड़ित पाए गए है। इन मरीजों का सरकार द्वारा नि:शुल्क आपरेशन किया जा रहा है ताकि पंजाब को मोतिया मुक्त बनाया जा सके।

डा. रोहित मेहता ने कहा कि मोतिया प्रभावित मरीजों की पहचान करके उनकी आंखों का आपरेशन, ऐनक, भोजन का प्रबंध, अस्पताल आने और आपरेशन के बाद घर जाने की ट्रांसपोर्ट सुविधा, लेब टेस्ट, दवाइयां मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है।

सिविल सर्जन ने कहा कि इस मुहिम को सफल बनाने लिए गांव स्तर पर पैरा मेडिकल स्टाफ, आशा वर्करों की ड्यूटियां लगाई गई हैं, ताकि मरीजों को आपरेशन के लिए अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके।

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