सत्संग के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा : अशोक कपूर

अशोक कपूर कंपनी बाग लंगर वालों ने प्रभु सुमिरन के दौरान कहा कि मनुष्य के जीवन में अशांति परेशानियां तब शुरू हो जाती हैं जब मनुष्य के जीवन में सत्संग नहीं होता।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 04:08 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 04:08 PM (IST)
सत्संग के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा : अशोक कपूर
सत्संग के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा : अशोक कपूर

संवाद सहयोगी, अमृतसर: अशोक कपूर कंपनी बाग लंगर वालों ने प्रभु सुमिरन के दौरान कहा कि मनुष्य के जीवन में अशांति, परेशानियां तब शुरू हो जाती हैं जब मनुष्य के जीवन में सत्संग नहीं होता। सत्संग के बिना मनुष्य अधूरा है। मनुष्य जीवन को जीता चला जा रहा है लेकिन मनुष्य इस बारे में नहीं सोचता के जीवन को कैसे जीना चाहिए। जीवन मिला है प्रभु का होने और प्रभु को पाने के लिए। लेकिन मनुष्य माया का दास बनकर माया की प्राप्ति के लिए इधर उधर भटक रहा है, जिस अनमोल मानव जीवन को पाने के लिए देवता लोग भी तरसते रहते हैं। उस जीवन को व्यर्थ में गवा देता है। देवता लोग के पास भोग की कमी नहीं है लेकिन फिर भी देवता मनुष्य जीवन जीना चाहते हैं। क्योंकि मनुष्य देह पाकर ही भक्ति का पूर्ण आनंद और भगवान की सेवा और हरि कृपा से सत्संग करने को मिलता है। सत्संग तो वह दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है।

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