सरकार के खिलाफ अब लघु भारती उद्योग भी मोर्चा खोलने को तैयार

पहले कोरोना के कारण अब पावर लाक से परेशान उद्योगपतियों के हक में लघु भारती उद्योग ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 03:22 AM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 03:22 AM (IST)
सरकार के खिलाफ अब लघु भारती उद्योग भी मोर्चा खोलने को तैयार
सरकार के खिलाफ अब लघु भारती उद्योग भी मोर्चा खोलने को तैयार

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पहले कोरोना के कारण अब पावर लाक से परेशान उद्योगपतियों के हक में लघु भारती उद्योग ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। लघु भारती उद्योग ने सरकार को घेरने का मन बना लिया है। क्योंकि एक तो पहले ही इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है। ऊपर से सरकार की ओर से बिजली का उत्पादन पूरा न किया जाने पर रोज इंडस्ट्री को अरबों रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। इस संबंधी शनिवार को लघु भारती उद्योग के सदस्य डीसी को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। ताकि उद्योगपतियों की परेशानी जल्द दूर हो सके। अगर उद्योगपतियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं होता तो संघर्ष का रास्ता भी अपनाया जा सकता है। लगातार हो रहे उद्योगपति परेशान, मगर कोई राहत नहीं

लघु उद्योग भारती के प्रधान अमित कपूर ने बताया कि उद्योगपति लगातार परेशान हो रहे हैं। सरकार की ओर से कोई भी रियायत नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि लगातार बिजली के कट लग रहे हैं। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में कुछ राहत नहीं मिली है। कोविड के दौरान लगाए गए बिजली पर फिक्स चार्ज नहीं हटाए गए। वादे के मुताबिक सस्ती बिजली मुहैया न करवाई गई। जबकि उद्योगपति ही सबसे ज्यादा टैक्स अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में इंडस्ट्री को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। जिस कारण स्थानीय उद्योगपति अपने यूनिट यहां से पलायन करने को मजबूर हैं। उद्योगों को बचाने के लिए सरकार बनाए योजना

लघु भारती उद्योग के ज्वाइंट सचिव डा. जेपी सिंह ने कहा कि सरकार बनने से पहले बडे-बड़े वादे किए गए थे। मगर साढ़े चाल वर्षो के दौरान उद्योग को बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। उल्टा कोविड के दौरान भी कोई राहत देने के बजाय उन पर अतिरिक्त चार्ज लगा दिए गए। जबकि सरकार को चाहिए था कि उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए पुख्ता प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि उद्योग को बचाने के लिए योजना बनाई जाए और साथ ही बिजली उत्पादन भी बढ़ाया जाए।

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