स्पेशल कमेटी बनाकर मुख्यमंत्री प्रदेश की जेलों का हाल जाने : प्रो. चावला

पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि पंजाब की जेलों में कैदियों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमृतसर का युवक मनी प्रताप बीस वर्ष की सजा काट रहा थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:04 PM (IST)
स्पेशल कमेटी बनाकर मुख्यमंत्री प्रदेश की जेलों का हाल जाने : प्रो. चावला
स्पेशल कमेटी बनाकर मुख्यमंत्री प्रदेश की जेलों का हाल जाने : प्रो. चावला

संस, अमृतसर : पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि पंजाब की जेलों में कैदियों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमृतसर का युवक मनी प्रताप बीस वर्ष की सजा काट रहा थे। होशियारपुर जेल में उसकी मौत हो गई और परिवार ने जो बताया है वह सरकारी अत्याचार का नमूना है। क्या जेलों का कोई नियम नहीं? क्या कैदी जेल कानून के मुताबिक नहीं रखे जाते। आखिर किस कानून के अनुसार कैदी के स्वजनों को पंद्रह महीने से उसे मिलने नहीं दिया गया। किस जेल कानून में कैदी को कई बार चक्कियों में बंद रखा और उसके परिवार से रुपये मांगे गए। वैसे तो सरकार यह स्वीकार नहीं करती कि जेल के अधिकारी और कर्मचारी कैदियों से पैसे लेते हैं पर जो पिछले सप्ताह तीस हजार रुपये एक जेल कर्मचारी के बैंक खाते में जमा करवाए गए वह तो मुंह बोलता सुबूत है। पंजाब के मानव अधिकारी सरकारी और गैर सरकारी यह कभी नहीं देखते बोलते कि जेल में कैदी के बीमार होते ही उसके परिवार को सूचना दी जाए। अस्पताल में रखा जाए। अचानक ही कैदी मर गया यह सूचना दे देना सरकारी अत्याचार है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक स्पेशल कमेटी बनाएं जो पिछले तीन वर्षो में जेलों में मरने वाले कैदियों की मौत के कारणों का पता लगाकर जनता को बताएं। जेल में बहुत कुछ गलत हो रहा है, इसलिए बार-बार कहने पर भी पंजाब सरकार जेलों के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं की विजिटर्स कमेटी नहीं बनाती। अगर पंजाब स्तर पर कोई जेलों की कमेटी है भी तो उसमें हमेशा रूलिग पार्टी के कुछ ऐसे लोग रहते हैं जिन्हें कोई पद देकर उनकी राजनीतिक भूख को शांत करना होता है। प्रदेश के लिए यह शर्म की बात है कि जेल में भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं और जिनका जवान बेटा मारा जाता है वे तड़पते रह जाते हैं उन्हें कोई न्याय नहीं मिलता। अगर सरकार कुछ नहीं करती तो ये मानवाधिकार आयोग किस लिए बने हैं। केवल ठंडे कमरों में बंद होकर सत्ता सुख भोगना ही उनका काम नहीं।

chat bot
आपका साथी