भाकियू ने सौंपा आरसीईपी समझौता के खिलाफ एडीसी को ज्ञापन
जागरण संवाददाता, अमृतसर भारतीय किसान यूनियन पंजाब ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी का विरोध कि
जागरण संवाददाता, अमृतसर
भारतीय किसान यूनियन पंजाब ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी का विरोध किया है। इस समझौते के खिलाफ संगठन की अमृतसर जिला इकाई की ओर से अमृतसर के एडीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया है। किसान यूनियन की मांग है कि भारत को इस समझौते से बाहर हो जाना चाहिए। क्योंकि यह समझौता भारत के किसानों के साथ साथ , व्यापारियों और आम लोगों की आर्थिकतों को तहस नहस कर देगा।
एडीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद किसान यूनियन नेताओं सुखदेव सिंह हेर और कुलबीर सिंह ने बताया कि भारत सरकार अगर आरसीईपी समझौता पर हस्ताक्षर करती है तो इस से कृषि विभाग पर बहुत ही उलट असर पड़ेगा। इस समझौते में जिन 15 देशों के साथ भारत कर मुक्त व्यापार का समझौता करने जा रहा है उनमें से 11 देश ऐसे हैं जिनके साथ पहले ही भारत के बढि़या व्यापारिक संबंध नहीं हैं। अन्य देशों के किसानों को जो सामग्री सब्सिडी पर मिलती है जब वह उत्पाद भारत में पहुंचेंगे तो भारत के किसानों के उत्पादों पर उलट असर पडे़गा। इस समझौते के तहत किसानों को एक सुनियोजित योजना के तहत निशाना बनाया जा रहा है। भारत को इस समझौते के साथ पक्का नहीं बंधना चाहिए। इस समझौते से छोटे किसानों की आर्थिकता तबाह होगी वही डेयरी व प्लांटेशन के साथ जुड़े किसान सब से अधिक प्रभावित होंगे। किसानों के सर्व पक्षीय हितों को मुख्य रखते हुए भारत सरकार को इस समझौते से बाहर रहना चाहिए। इस अवसर पर किसान नेता गुरवेल सिंह , अजमेर सिंह , सरदूल सिंह , हरप्रीत सिंह , दविदर सिंह , अमृतपाल सिंह छीना आदि भी मौजूद थे।