दिल्ली किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए भेजा जत्था
किसानों के चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए जम्हूरी किसान सभा ने कार्यकर्ताओं का जत्था ट्रैक्टर ट्रालियों से दिल्ली के लिए रवाना किया। संगठन की ओर से दिल्ली भेजे जाने वाला यह 24वां जत्था है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : किसानों के चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए जम्हूरी किसान सभा ने कार्यकर्ताओं का जत्था ट्रैक्टर ट्रालियों से दिल्ली के लिए रवाना किया। संगठन की ओर से दिल्ली भेजे जाने वाला यह 24वां जत्था है। यह जत्था 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च में भी हिस्सा लेगा। संगठन की ओर से 22 जनवरी को भी एक जत्था दिल्ली भेजा जाएगा। इस किसान ट्रैक्टर जत्थे का नेतृत्व गुरनाम सिंह , हरजीत सिंह , दविदर सिंह पूर्ण सिंह कर रहे है।
संगठन के राज्य महासचिव रत्न सिंह रंधावा ने बताया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों संबंधी किसान संगठनों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। सरकार कानून वापिस नही लेना चाहती। उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से 60 के करीब ट्रालियां दिल्ली जत्थे में भेजी जा चुकी है।
उधर, मानावाला टोल प्लाजा पर चल रहा अनशन बीसवें दिन में प्रवेश कर गया है। शनिवार पर बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों ने अनशन में हिस्सा लिया। किसान संघर्ष कमेटी की ओर से आयोजित इस अनशन में किसानों ने एलान किया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कृषि कानून रद्द नही हो जाते।
अनशन में आने वाले 24 घंटों के लिए मनजीत कौर ,गुरमीत कौर ,हरप्रीत कौर ,हरजिदर कौर ,हरभजन कौर झीते कलां और नरविदर कौर निज्जरपुरा ने कड़ाके की सर्दी में हिस्सा लिया।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमारी हिम्मत की परीक्षा ले रही है। परंतु हमारी ओर से जितने देर तक कानून रदद् नही हो जाते उतनी देर तक संघर्ष को और ते•ा किया जाएगा । इस मौके पर प्रधान दविदर सिंह चाटीविड ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने के लिए बहनों में बड़ा उत्साह है और वह बड़ी गिनती में अमृतसर से सिघू बार्डर में शामिल होंगी । 15 जनवरी वाली किसानों की केंद्र सरकार के साथ हुई मीटिग का बेनतीजा रहना केंद्र सरकार की बुरी नियत की निशानी है ।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से रेलवे स्टेशन जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन के बाहर रोष प्रदर्शन किया। इसी तरह किसानों में माल आफ अमृतसर , राज्य सभा सदस्य श्वेत मलिक, मजीठा रोड , अजनाला रोड, और टोल प्लाजा कत्थूनंगल पर भी रोष प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।