अधिक मुनाफे के लिए 10 साल से गोरखपुर जा गहने बेच रहे सुरिंदर सिंह, 28 फरवरी को गए थे वहां

गोरखपुर के व्यापारियों के अच्छे स्वभाव और मुनाफा ज्यादा होने के कारण सुरिदर सिंह का नाता दस साल पहले गोरखपुर से जुड़ा। वह एक दशक से गोरखपुर जाकर गहने तिल्ली-कोके बेचने का कारोबार कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 04:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 04:00 AM (IST)
अधिक मुनाफे के लिए 10 साल से गोरखपुर जा गहने बेच रहे सुरिंदर सिंह, 28 फरवरी को गए थे वहां
अधिक मुनाफे के लिए 10 साल से गोरखपुर जा गहने बेच रहे सुरिंदर सिंह, 28 फरवरी को गए थे वहां

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गोरखपुर के व्यापारियों के अच्छे स्वभाव और मुनाफा ज्यादा होने के कारण सुरिदर सिंह का नाता दस साल पहले गोरखपुर से जुड़ा। वह एक दशक से गोरखपुर जाकर गहने, तिल्ली-कोके बेचने का कारोबार कर रहे हैं। मात्र तीस ग्राम सोने के साथ उन्होंने वहां के लोगों के साथ व्यापार शुरू किया था। मगर मंगलवार को हुई लूट के बाद सुरिदर सिंह और उनके परिवार का दिल टूट गया। उनके बेटे स्वर्णजीत सिंह और बड़े भाई नानक सिंह ने फोन पर बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि गोरखपुर के बदमाश उनका कारोबार लूट ले जाएंगे।

स्वर्णजीत सिंह ने बताया कि 28 फरवरी को उनके पिता सुरिदर सिंह जालंधर से ट्रेन में गोरखपुर पहुंचे थे। मंगलवार की रात लगभग आठ बजे उन्हें पिता ने फोन पर लूट की जानकारी दी। पिता ज्यादा कुछ बता नहीं पा रहे थे, वह काफी घबराए हुए थे, लेकिन वह फोन पर उन्हें लगातार धैर्य रखने की बात कह रहे थे क्योंकि पिता बुजुर्ग हो चुके हैं। उन्होंने पिता को यही समझाया कि वह अपना ध्यान रखें। कारोबार तो फिर से खड़ा कर लिया जाएगा, लेकिन पिता की दबी आवाज को वह अच्छी तरह से भांप रहे थे। इसके बाद स्वर्णजीत ने अपने ताया नानक सिंह और अन्य रिश्तेदारों को जानकारी दी। जालंधर कैंट से ट्रेन पकड़कर पहुंचे गोरखपुर

बेटे स्वर्णजीत ने बताया कि बुधवार की दोपहर वह किसी तरह बस में जालंधर कैंट पहुंचे। वहां से रेल के जरिए लखनऊ होते हुए गोरखपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पिता सुरिदर सिंह नौ साल से गोरखपुर के व्यापारियों के संपर्क में हैं। गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के गहना कारोबारी अकसर उनके पिता से फोन पर गहनों के रेट के बारे में पूछते थे। इसके बाद रेट तय होने के बाद वह उनसे गहने मंगवाते थे।

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