जसविदर ढिल्लों की 'ममता की मूरत' किताब का विमोचन
पंजाबी साहित्य सभा व सभ्याचारक केंद्र के सहयोग से जसविदर सिंह ढिल्लों की किताब ममता की मूरत की किताब का विमोचन किया गया। पंजाबी भाषा विभाग के सहायक डायरेक्टर सतनाम सिंह पूर्व भाषा अधिकारी भूपिदर सिंह मट्टू पंजाबी सत्थ सभ्याचारक मंच के जसबीर झब्बाल ने उक्त किताब लोक अर्पित करते जसविदर सिंह ढिल्लों को बधाई दी।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : पंजाबी साहित्य सभा व सभ्याचारक केंद्र के सहयोग से जसविदर सिंह ढिल्लों की किताब ममता की मूरत की किताब का विमोचन किया गया। पंजाबी भाषा विभाग के सहायक डायरेक्टर सतनाम सिंह, पूर्व भाषा अधिकारी भूपिदर सिंह मट्टू, पंजाबी सत्थ सभ्याचारक मंच के जसबीर झब्बाल ने उक्त किताब लोक अर्पित करते जसविदर सिंह ढिल्लों को बधाई दी।
कवि दरबार में गुरमीत सिंह नूरदी ने पंजाबी मां पर रचना पेश की। मनमोहक बासरके ने अर्ज करां मैं बाबा नानका के माध्यम से हाजिरी भरी। किरतप्रताप पन्नू ने गजल पेश की। गुरचरण सिंह सभरा ने देश प्यार, अजीत नब्बीपुर ने पंजाबी मां बोली, सरबजीत संधू ने रचना के माध्यम से हाजिरी भरी। रघबीर सिंह पन्नू ने पाखंडवाद पर रचनाएं प्रस्तुत की। जसविदर सिंह ढिल्लों ने ममता की मूरत किताब के कुछ अंश पेश करते हुए बताया कि ये किताब पंजाबी सभ्याचार को पूरी तरह से समर्पित होकर मां के महत्व पर रोशनी डालती है। बलबीर भैल, जसविदर चाहल, प्रभजीत ढिल्लों, मलकीत फौजी, प्रताप सिंह, मास्टर परमिदर सिंह, दीदार सिंह, प्रितपाल सिंह, तरसेम बाठ, वरिदरपाल कौर, अमनदीप कौर, कुलवंत कौर, बलविदर कौर, जसपाल कौर, सुखमनप्रीत कौर ने जसविदर सिंह ढिल्लों की ओर से पंजाबी सभ्याचार में डाले जा रहे सहयोग पर रोशनी डाली।