आयोडीन की कमी से नवजात शिशु हो सकते हैं मंदबुद्धि : डॉ. घई

। सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. हरदीप सिंह घई की अध्यक्षता में ग्लोबल आयोडीन डेफिशियंसी डिसऑर्डर प्रीवेंशन डे मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 12:15 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 12:15 AM (IST)
आयोडीन की कमी से नवजात  शिशु हो सकते हैं मंदबुद्धि : डॉ. घई
आयोडीन की कमी से नवजात शिशु हो सकते हैं मंदबुद्धि : डॉ. घई

जागरण संवाददाता, अमृतसर

'शक्ति एवं बुद्धि का रक्षक आयोडिन नमक' इस थीम को मद्देनजर रखते हुए सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. हरदीप सिंह घई की अध्यक्षता में ग्लोबल आयोडीन डेफिशियंसी डिसऑर्डर प्रीवेंशन डे मनाया गया। इस दौरान डॉ. घई ने कहा कि आयोडीन एक ऐसा जरूरी तत्व है जो शरीर को तंदुरुस्त रखने एवं कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके सेवन से कभी भी गिल्लड़ रोग नहीं होता। हमारी रोजाना की खुराक में 15 पीपीएम आयोडीन नमक की मात्रा होनी चाहिए। यदि गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान आयोडीन युक्त नमक का सेवन नहीं करती तो उसका शिशु मंदबुद्धि, भैंगेपन आदि का शिकार हो सकता है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रमेश पाल सिंह ने कहा कि नमक को कभी भी लिफाफे से निकालकर बर्तन में नहीं रखना चाहिए, बल्कि लिफाफे को खोलकर हवा बंद डिब्बे में रख देना चाहिए। आयोडाइज्ड नमक को रसोई में गैस या पानी के नजदीक नहीं रखना चाहिए, क्योंकि गीला होने पर इसमें से आयोडीन की मात्रा कम हो सकती है। आयोडीन नमक के सेवन से बच्चों का मानसिक विकास तेजी से होता है। इस अवसर पर पोस्ट एवं पंफलेट भी रिलीज किया गया। इस अवसर पर डॉ. भारती धवन, अमरदीप सिंह आदि भी उपस्थित थे।

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