कोरोना संक्रमितों में ओमिक्रान वेरिएंट की जांच के लिए पुणे भेजे 30 सैंपल
कोरोना वायरस बार-बार बदल रहा है। अब कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट ने दुनिया को दहला दिया है।
जासं, अमृतसर: कोरोना वायरस बार-बार बदल रहा है। अब कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट ने दुनिया को दहला दिया है। विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि ओमिक्रान के तीस से ज्यादा म्यूटेशन बदलाव हो चुके हैं। ये बदलाव कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन एरिया में हुए हैं, जिससे यह वायरस और ताकतवर बना है। हालांकि भारत में अभी ओमिक्रान का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ, पर इस पर चितन, मंथन व शोध जारी है। अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, डेल्टा प्लस के बाद ओमिक्रान का खतरा मंडरा रहा है।
सरकारी मेडिकल कालेज स्थित इंफ्लूएंजा लैब से तीस से अधिक कोरोना संक्रमितों के सैंपलों को जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरल डिजीज पुणे में भेजा गया है। इन सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिग करवाई जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ओमिक्रान विकसित तो नहीं हुआ। दरअसल, ये सैंपल उन मरीजों के हैं जिनका रुटीन में कोरोना टेस्ट किया गया। कोरोना संक्रमित पाए जाने पर इनका सैंपल पुणे भेजा गया है। 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला है यह नया वेरिएंट
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह काफी तेजी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरिएंट है। उसने बताया है कि इस वेरिएंट के कई म्यूटेशन चिता पैदा करने वाले हैं। इसलिए शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस म्यूटेशन के चलते संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ओमिक्रान वेरिएंट का पहला मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला था। इसके बाद बोत्सवान, हांगकांग, इसराइज और बेल्यिजम में भी इस वेरिएंट के मरीज मिले। लोग वैक्सीन लगवाएं, नियमों का पालन करें: प्रो. केडी सिह
सरकारी मेडिकल कालेज स्थित इंफ्लूएंजा लैब के प्रभारी प्रो. केडी सिंह का कहना है कि वायरस के जेनेटिक मटीरियल में बदलाव होने को म्यूटेट कहा जाता है। इस वायरस के कई म्यूटेशन हैं। इसलिए सबसे जरूरी यह है कि लोग कोरोना नियमों का पहले की तरह पालन करते रहें, वैक्सीन लगवाएं। हम हर पंद्रह दिन बाद सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिग करवा रहे हैं। अभी तक ओमिक्रान वेरिएंट का मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ है।