लेबर की कमी से जूझ रहे उद्योगपति, समय पर आर्डर तैयार करने में ही रही दिक्कत

लंबे समय से धीरे-धीरे उद्योग अब फिर से पटरी पर आना शुरू हो गया है। मगर मौजूदा समय में उद्योगों को लेबर की कमी के साथ जूझना पड़ रहा है। जिस तरह कोविड से पहले लेबर मौजूद थी। मौजूदा समय में लेबर की संख्या काफी ज्यादा कम हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:26 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:26 AM (IST)
लेबर की कमी से जूझ रहे उद्योगपति, समय पर आर्डर तैयार करने में ही रही दिक्कत
लेबर की कमी से जूझ रहे उद्योगपति, समय पर आर्डर तैयार करने में ही रही दिक्कत

जागरण संवाददाता, अमृतसर : लंबे समय से धीरे-धीरे उद्योग अब फिर से पटरी पर आना शुरू हो गया है। मगर मौजूदा समय में उद्योगों को लेबर की कमी के साथ जूझना पड़ रहा है। जिस तरह कोविड से पहले लेबर मौजूद थी। मौजूदा समय में लेबर की संख्या काफी ज्यादा कम हो गई है। इस कारण शहर के अलग-अलग उद्योगों में लेबर की कमी के कारण उद्योगपति परेशान है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि 80 प्रतिशत लेबर यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों की है। कोरोना के कारण बहुत सारी लेबर वापस लौट गई थी। इसके अलावा अभी तक पूरी तरह से गाड़िया भी नहीं चल रही है। इस कारण अभी तक सारी लेबर वापस नहीं लौटी है। ऐसे में स्क्रू, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, निटिग, फार्मा आदि उद्योग के पास लेबर की समस्या बनी हुई है। मौजूदा समय में केवल 50 से 60 प्रतिशत लेबर के साथ ही काम चलाना पड़ रहा है। इस कारण समय पर आर्डरों की डिलीवरी करने में भी मुश्किल आ रही है। कम लेबर के कारण काम करवाने में आ रही है परेशानी : कपूर

लघु उद्योग भारती के प्रधान अमित कपूर ने कहा कि बहुत सारे राज्यों में धान की खेती हो रही है। ऐसे में भी यूपी-बिहार से आने वाली लेबर धान लगाने में व्यस्त हो गई है। इस कारण इसकी कमी पंजाब में महसूस हो रही है। इसके अलावा जो लेबर कोरोना के दौरान वापस लौट गई थी, उसमें से काफी लोग अभी नहीं आए हैं। ऐसे में कुछ और सप्ताह इस दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। समय पर आर्डर तैयार करने में आ रही दिक्कत: अग्रवाल

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के उप-प्रधान रंजन अग्रवाल ने बताया कि लेबर के वापिस न लौटने के कारण बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि इससे पहले मिले हुए आर्डर समय पर तैयार और डिलीवर करने में काफी ज्यादा दिक्कत आ रही है। नई लेबर को भर्ती कर काम तो चलाया जा रहा है। मगर अनुभव की कमी होने के कारण काम में देरी हो जाती है।

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