ओलिंपिक में किसान की बेटी गुरजीत ने जीता दिल, 15 साल पहले शुरू किया था हाकी खेलना
भारतीय टीम की जीत से गुरजीत के गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं खेल प्रेमियों ने भी इस पर बेहद खुशी जताई है।
हरदीप रंधावा, अमृतसर : भारतीय महिला हाकी टीम ने तीन बार की चैंपियन आस्ट्रेलिया की टीम को टोक्यो ओलंपिक में 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई है। इस मैच में जीत की हीरो अमृतसर के गांव मियादी कलां की रहने वाली गुरजीत कौर रहीं। भारतीय टीम की जीत से गुरजीत के गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं खेल प्रेमियों ने भी इस पर बेहद खुशी जताई है।
गुरजीत कौर मध्यवर्गीय परिवार से हैं और पिता सतनाम सिंह किसान हैं। गुरजीत का जन्म 25 अक्टूबर 1995 को गाव मियादी कला में हुआ है। उनके परिवार का पहले हाकी से कुछ लेना-देना नहीं था। उनके पिता सतनाम सिंह के लिए बेटी की पढ़ाई ही सबसे पहले थी। गुरजीत और उनकी बहन प्रदीप कौर ने शुरुआती शिक्षा गांव के पास के निजी स्कूल से ली। इसके बाद उन्हें वर्ष 2006 में तरनतारन जिले के गांव कैरों में स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई के लिए भेज दिया। स्कूल के स्पोर्ट्स विंग में वह लड़कियों को हाकी खेलते देखती और फिर इस खेल के प्रति जुनून पैदा हुआ। वहीं पर गुरजीत ने कोच शरनजीत सिंह से ट्रेनिग लेकर हाकी पर हाथ अजमाने शुरू किए थे।
गुरजीत ने जालंधर के लायलपुर खालसा कालेज से ग्रेजुएशन करने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर खेलना शुरू किया था। गुरजीत का एक भाई भी है। बहन प्रदीप कौर पंजाब खेल विभाग में बतौर हाकी कोच काम कर रही हैं। हाकी खेलने के बाद गुरजीत ने रेलवे इलाहाबाद में ड्यूटी के साथ-साथ अभ्यास जारी रखा है।
मां हरजिदर कौर का कहना है कि गुरु रामदास महाराज की कृपा से उनके घर में खुशियों का माहौल बना है। गुरजीत कौर की दादी दर्शन कुमार का कहना है कि उन्हें अपने पोती में हिम्मती व मेहनती जज्बा बचपन में ही नजर आता था, क्योंकि जब वह स्कूल में पढ़ने के लिए जाती थी, तो वह पढ़ाई में भी बढि़या प्रदर्शन करती थी। 2017 में भारतीय महिला हाकी टीम की स्थायी सदस्य बनने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी रहीं
गुरजीत एक भारतीय महिला हाकी टीम की खिलाड़ी है। वह एक डिफेंडर की भूमिका निभाने के साथ-साथ भारतीय टीम की ड्रैग फ्लिकर भी है। गुरजीत कौर को देश के लिए खेलने का पहला मौका 2014 में सीनियर नेशनल कैंप मिला था। यह एकमात्र महिला खिलाड़ी है, जोकि 2017 में भारतीय महिला हाकी टीम की स्थायी सदस्य बनीं। उन्होंने मार्च 2017 में कनाडा में टेस्ट सीरीज भी खेलीं। अप्रैल 2017 में हाकी वर्ल्ड लीग राउंड दो और जुलाई 2017 में हाकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उन्होंने हाकी विश्व कप 2018 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वह 8 गोल के साथ इस विश्व कप में भारतीय टीम की सबसे सफल गोल करने वाली खिलाड़ी रहीं। गुरजीत को इससे पहले भी क्वार्टर-फाइनल में कजाकिस्तान के खिलाफ तीन गोल करके वूमेन आफ द मैच के खिताब के लिए चयनित किया गया था। वह जुलाई 2018 तक 53 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं।