बच्चों ने निभाई परंपरा, माता-पिता संग बजरंग बली के समक्ष झुकाया शीश
लंगूर मेले के तीसरे दिन भी लंगूर बने बच्चों ने अपने माता-पिता के साथ श्री बड़ा हनुमान मंदिर में नतमस्तक होकर धार्मिक परंपरा को निभाया।
संवाद सहयोगी, अमृतसर: लंगूर मेले के तीसरे दिन भी लंगूर बने बच्चों ने अपने माता-पिता के साथ श्री बड़ा हनुमान मंदिर में नतमस्तक होकर धार्मिक परंपरा को निभाया। तड़के से ही मंदिर में लंगूर बनने वाले बच्चे व उनके माता-पिता पहुंचने शुरू हो गए। कपाट खुलते ही जय श्रीराम के जयकारों के साथ लंगूर बने बच्चों ने श्री हनुमान जी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान लंगूर बने बच्चों और उनके माता-पिता ने भी ढोल की थाप पर नृत्य किया। इसके अलावा बजरंगी सेना ने भी श्री दरबार में हाजिरी भर कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया।
जय श्रीराम के जयकारों के साथ ढोल की थाप पर नाचते हुए लंगूर बने बच्चे अपने माता-पिता के साथ विभिन्न स्थानों पर जाते हुए दिखाई दिए। वहीं बजरंगी सेना ने भी कई घरों में जाकर भक्तजनों को आशीर्वाद दिया। लंगूर बने बच्चे, उनके माता-पिता तथा बजरंगी सेना में शामिल सभी नंगे पांव परंपरा को निभा रहे थे। सियाराम पंचमुखी वानर सेना संस्था की ओर से सुक्खे दी हवेली बाबामीर शाह इलाके में श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता की मूर्ति स्थापित की गई। इस शुभ कार्य को नशा विरोधी समाज निर्माण संस्था के चेयरमैन बालकृष्ण शर्मा ने किया। युवाओं ने भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता के जयघोष किया। इस मौके पर महंत चीनू, नीरज कुमार, राजकुमार, भगवान सिंह और सभी मोहल्ला निवासियों ने हाजिरी लगवाई। श्री आरती शिव दुर्गा मंदिर करतार नगर में भी बजरंगी सेना ने हाजिरी भरी। महंत राघव दास के सान्निध्य में वानर सेना ने पूजा अर्चना की। परम संत आरती देवा जी महाराज ने बजरंगी सेना को आशीर्वाद देते हुए कहा कि धार्मिक कार्यक्रम ही युवा पीढ़ी को समाज में फैली कुरीतियों से दूर रख सकते हैं।