नशा मुक्ति केंद्र रिश्वत थमाकर नशेड़ी बोला, Dope test की Negative report बना दो

नशा मुक्ति केंद्र में नशेड़ी ने टेक्नीशियन को अपना यूरिन सैंपल दिया और साथ ही एक फाइल थमाकर कहा कि वह उसकी नेगेटिव रिपोर्ट बना दे। उसने फाइल में रुपये भी रखे थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 08:53 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 08:53 PM (IST)
नशा मुक्ति केंद्र रिश्वत थमाकर नशेड़ी बोला, Dope test की Negative report बना दो
नशा मुक्ति केंद्र रिश्वत थमाकर नशेड़ी बोला, Dope test की Negative report बना दो

अमृतसर [नितिन धीमान]। पंजाब में नशे के आदी और हथियारों के शौकीन लोगों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैैं कि अब वह डोप टेस्ट केंद्रों में रिश्वत देकर फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्ट बनाने की मांग करने लगे हैैं। ऐसा ही एक मामला सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र में सामने आया। जहां अफीम लेने का आदी एक नशेड़ी डोप टेस्ट करवाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र पहुंचा और उसने यहां कार्यरत टेक्नीशियन सिमरन को अपना यूरिन सैंपल दिया। इसके साथ ही एक फाइल थमाकर कहा कि वह उसकी नेगेटिव रिपोर्ट बना दे। टेक्नीशियन ने जब फाइल खोली तो इसमें रखे एक लिफाफे में सात हजार रुपये थे।

टेक्नीशियन ने तुरंत इस मामले की जानकारी केंद्र के प्रभारी डॉ. राजीव अरोड़ा को दी। डॉ. अरोड़ा ने नशेड़ी को जमकर फटकार लगाई और पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद नशेड़ी द्वारा गिड़गिड़ाने पर उससे माफीनामा लिखवाया गया और सात हजार रुपये चैरिटी फंड में जमा करवा दिए गए।

आज भी अफीम का सेवन करके आया था नशेड़ी

डॉ. अरोड़ा के अनुसार डोप टेस्ट करवाने आया नशेड़ी अफीम का सेवन करके आया था। उसे पता था कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, इसलिए वह रिश्वत देकर नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त करना चाहता था। पुलिस के डर से उसने कहा कि वह भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेगा।

दो माह पूर्व भी हेडकांस्टेबल लाया था पत्नी का यूरिन सैंपल

दो माह पहले मेडिकल कॉलेज में डोप टेस्ट करवाने आया पंजाब पुलिस का एक हेडकांस्टेबल ने अपनी पत्नी का यूरिन सैंपल ले आया था। जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था। उसके अलावा भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैैं जब नशेड़ी डोप टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट हासिल करने के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों या जानकारों के यूरिन सैंपल लेकर आ गए थे।

पकड़ा गया था फर्जी रिपोर्ट बनाने वाला दर्ज चार कर्मचारी

सिविल अस्पताल अमृतसर में एक दर्जा चार कर्मचारी गौरव भंडारी को भी पिछले महीने फर्जी रिपोट््र्स तैयार करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह अपने पास डोप टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने के लिए लैटर पैड रखता था।

आनलाइन हो डोप टेस्ट की प्रक्रिया

जानकार कहते हैैं कि सरकार को डोप टेस्ट की प्रक्रिया ऑनलाइन कर देनी चाहिए। आवेदक का आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट लेकर सारा रिकॉर्ड सरवर में सेव किया जाए। इससे डोप टेस्ट की फर्जी रिपोट्र्स तैयार होने की गुंजाइश ही खत्म हो जाएगी।

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