लक्षण दिखाई दें तो तुरंत करवाए उपचार, कहीं ऐसा न हो अपने कहीं दूर चलें जाएं
आए दिन कोई न कोई व्यक्ति कोरोना महामारी की चपेट में आ रहा है। बहुत सारे लोग तो ऐसे हैं जो इस वायरस से जीवन की जंग हार रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
आए दिन कोई न कोई व्यक्ति कोरोना महामारी की चपेट में आ रहा है। बहुत सारे लोग तो ऐसे हैं जो इस वायरस से जीवन की जंग हार रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों ने अपनों को इस महामारी के कारण खो दिया। उनके दर्द को समझ पाना बहुत मुश्किल है। कुछ ऐसी ही गाथा है बटाला रोड के रहने वाले सुरिदर कुमार की। जिन्होंने इस महामारी में अपने पिता को खो दिया।
सुरिदर ने बताया कि उनके पिता को हल्का बुखार हुआ था। पहले तो तीन-चार दिन तक वह अपने परिवारिक डाक्टर से ही दवाई लेते रहे। मगर बुखार नहीं उतरा। इसके बाद साथ में उन्हें सांस की तकलीफ भी होने लगी तो तुरंत कोरोना का टेस्ट करवाया। जोकि पाजीटिव आया। करीब पांच दिन बाद पिता को अस्पताल में दाखिल करवाया। इसके बाद अस्पताल में उनका उपचार चला, मगर अस्पताल में उपचार शुरू होने के ठीक तीसरे दिन उनकी मौत हो गई। पिता की मौत से उन पर दुखों को पहाड़ ही टूट पड़ा। सुरिदर ने कहा कि बुखार होने पर ही तुरंत जांच करवानी चाहिए। जबकि वह लोग मामूली बुखार समझ कर दवाई लेते रहे।
उन्होंने कहा कि अगर किसी के भी परिवार के किसी सदस्यों को इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए कोरोना का टेस्ट करवाएं और सही उपचार करवाएं। ताकि जिस तरह से उन्होंने अपने पिता को खोया। यह किसी और के साथ न हो। क्योंकि अपनों के जाने के बाद एहसास तब होता है जब व्यक्ति हमारे बीच नहीं होता है। वह हमारे लिए कितना ज्यादा मुल्यवान था।