जोशी के खिलाफ उनका अपना ही 'पीपीएस कोरम' संभालेगा मोर्चा, यानें कौन हैं वो लोग..
पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में जाने के बाद विधानसभा हलका उत्तरी की भाजपाई सीट खाली हो गई है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर: पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में जाने के बाद विधानसभा हलका उत्तरी की भाजपाई सीट खाली हो गई है। जोशी इसी हलके से दो बार विधायक रहे हैं और तीसरी बार हार गए थे। उनको भाजपा की तरफ से सीट पर अब उनका अपना ही 'पीपीएस' कोरम यानी पिटू, पप्पू, सिक्का चुनौती देने को तैयार है। जोशी की यह तिगड़ी सुखमिदर सिंह पिटू, राजिदर महाजन पप्पू और अनुज सिक्का किसी समय पूरे शहर में खासी मशहूर थी और तीनों ही नेता इस विधानसभा से भाजपाई टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव 2012 में जोशी का यह कोरम पूरे शहर में उनकी लामबंदी के लिए जाना जाता था। पिटू, पप्पू, सिक्का की उनसे नजदीकियां जगजाहिर रही है, पर 2017 का चुनाव आते आते यह जुगलबंदी टूटनी शुरू हो गई। पप्पू और सिक्का जोशी को छोड़ गए, पर भाजपा में डटे रहे। जोशी विरोधी खेमे ने उनको संगठन में भी अच्छे पदों से नवाजा। पिटू उनके साथ डटे रहे। जोशी जब चुनाव हार गए तो उन्होंने परोक्ष रूप से इन नेताओं को भी इसके लिए दोषी करार दिया। जोशी के शिअद में जाने और इस दौरान रहे घटनाक्रम की वजह से वह भी जोशी का साथ छोड़ गए। इस दौरान कुछ ऐसी कहासुनी हुई कि पिटू जो अभी तक विधानसभा हलका पूर्वी से चुनाव लड़ने का मन बनाए बैठे थे, उन्होंने भी तय कर लिया कि वह जोशी के सामने चुनाव में खड़े होंगे। तीनों का संगठन में अच्छा अनुभव
जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार तीनों ही नेताओं का अपना राजनीतिक अनुभव है। पिटू पार्षद रहे हैं और वर्तमान उनके माताजी उनकी वार्ड से पार्षद हैं। पार्षद चुनाव में उनकी लीड पंजाब में सबसे अधिक थी। सिक्का खुद पार्षद रहे हैं और उनकी पत्नी वर्तमान नगर निगम में विपक्षी दल नेत्री हैं। उन्होंने उस वार्ड को फतेह किया था, जिस पर लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा। पप्पू खुद भी पार्षद रहे हैं और उनकी पत्नी आजाद रूप से पार्षद रही हैं। तीनों ही नेता संगठन के अहम पदों पर कार्यरत रहे हैं और वर्तमान में विभिन्न जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। श्वेत मलिक और सुरेश महाजन भी दावेदार
पिटू, पप्पू और सिक्का विधानसभा हलका उत्तरी से पार्टी टिकट के जहां दावेदार हैं, वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट से राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक भी मैदान में उतर सकते हैं। जिला प्रधान सुरेश महाजन भी चाहते हैं कि वह इस बार विधानसभा चुनाव लड़ें और उनकी च्वाइस भी उत्तरी हलका ही है। पार्टी किस पर अपना विश्वास व्यक्त करती है, यह चाहे अभी भविष्य की गर्भ में है, पर दावेदारों को लेकर नेताओं ने अपनी प्रयास शुरू कर दिए है।