हिदी केवल एक भाषा ही नहीं, भारत की पहचान है: डा. बेदी

बीबीके डीएवी कालेज फार वुमेन के हिदी विभाग द्वारा हिदी पखवाड़ा के अंतर्गत हिदी भाषा का वैश्विक परि²श्य के विषय पर वेबिनार का आयोजन करवाया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:08 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:08 PM (IST)
हिदी केवल एक भाषा ही नहीं, भारत की पहचान है: डा. बेदी
हिदी केवल एक भाषा ही नहीं, भारत की पहचान है: डा. बेदी

जागरण संवाददाता, अमृतसर: बीबीके डीएवी कालेज फार वुमेन के हिदी विभाग द्वारा हिदी पखवाड़ा के अंतर्गत हिदी भाषा का वैश्विक परि²श्य के विषय पर वेबिनार का आयोजन करवाया। इसमें हिमाचल प्रदेश स्थित धर्मशाला स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हरमोहिदर सिंह बेदी मुख्य वक्ता के तौर पर जुड़े।

कालेज की प्रिसिपल डा. पुष्पिदर वालिया ने कहा कि चाहे अंग्रेजी साहित्य उनका अपना विषय है, लेकिन बचपन से ही उनकी रूचि सभी भाषाओं के साहित्य को पढ़ने में रही है। जीवन का वास्तविक आनंद लेने के लिए साहित्य का अध्ययन अत्यावश्यक है। स्वामी दयानंद द्वारा सत्यार्थ प्रकाश का हिदी में लिखा जाना भी हिदी भाषा के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने हिदी साहित्य के लेखक मुंशी प्रेमचंद, भीष्म साहनी एंव मोहन राकेश की प्रसिद्ध रचनाओं के विषय में भी चर्चा की। डा. बेदी ने कहा कि हिदी केवल एक भाषा ही नहीं अपतिु भारत की पहचान है। आठवें विश्व हिदी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ के सचिव ने यह माना कि हिदी भाषा एक दिन विश्व भाषा का दर्जा प्राप्त करेगी। विश्व के 250 देशों में हिदी भाषा का अध्ययन अध्यापन हो रहा है। प्रिसिपल डा. पुष्पिदर वालिया ने हिदी विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. शैली जग्गी द्वारा संचालित वेबिनार की भरपूर सराहना की। उन्होंने स्वरचित कविता का वाचन किया एवं सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर हिदी विभाग की अध्यक्षा डा. अनीता नरेंद्र सहित अन्य फैकल्टी सदस्य मौजूद थे।

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