शहर में 90 हजार फूड आपरेटर्स और कर्मी, सिर्फ तीन हजार को ही लगी वैक्सीन
लाकडाउन की समाप्ति के बाद शहर में होटल रेस्टोरेंट्स स्ट्रीट फूड सब कुछ खुल चुके हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: लाकडाउन की समाप्ति के बाद शहर में होटल, रेस्टोरेंट्स, स्ट्रीट फूड सब कुछ खुल चुके हैं। इन प्रतिष्ठानों या दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारियों ने कोरोना रोधी टीका नहीं लगवाया है। सरकार ने आदेश जारी कर प्रतिष्ठानों के मालिकों व कर्मचारियों को टीका लगवाने को कहा था। कम से कम पहली डोज तो सबको लगनी ही चाहिए थी, पर ऐसा हो नहीं रहा। इन फूड आपरेटरों के यहां काम करने वाले कर्मचारियों में यदि कोई भी संक्रमित हुआ तो संक्रमण की चेन फिर से बढ़ेगी और यह तीसरी लहर को आमंत्रण देगी। दूसरी तरफ फूड सप्लाई विभाग की टीमें सिर्फ सैंपलिग तक ही सीमित हैं।
अमृतसर में तकरीबन 90 हजार फूड आपरेटर्स व कर्मचारी हैं। इनमें से बमुश्किल दो चार हजार को ही टीका लग पाया है। ऐतिहासिक एवं धार्मिक शहर अमृतसर में अब पर्यटकों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। दूरस्थ क्षेत्रों से आए लोग होटलों, रेस्टोरेंट्स व स्ट्रीट फूड में नाना प्रकार के व्यंजनों का जायजा ले रहे हैं। टीकाकरण न होने की वजह से फूड आपरेटरों व कर्मचारियों के साथ-साथ ये पर्यटक खतरे में हैं। वैसे भी अब मास्क पहनना तो लोग भूल गए हैं और शारीरिक दूरी से दूरी बना ली है। इससे कोरोना संक्रमण को रोक पाना टेढ़ी खीर साबित होगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक तीन हजार फूड आपरेटर्स ने टीका लगवाया है। यह बेहद छोटा सा आंकड़ा है। इस विभाग के प्रोग्राम आफिसरों को एसी कमरे में बैठकर कागजों का पेट तो भरना होता है, पर इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे। वैसे भी यह नियम है कि जिस संस्थान में 100 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, वहां टीकाकरण कैंप लगाया जाए। पर ऐसा नहीं किया जा रहा। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. भारती धवन के अनुसार शहर के दो होटलों के समस्त कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है। अब जल्द ही सभी का टीकाकरण कर देंगे।