प्रकाश पर्व 29 से, गुरुद्वारा गुरु के महिल में चल रहीं तैयारियां

नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:04 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 07:04 PM (IST)
प्रकाश पर्व 29 से, गुरुद्वारा गुरु के महिल में चल रहीं तैयारियां
प्रकाश पर्व 29 से, गुरुद्वारा गुरु के महिल में चल रहीं तैयारियां

जागरण संवाददाता, अमृतसर : नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गुरु साहिब के प्रकाश पर्व को लेकर यहां पंजाब सरकार 29 अप्रैल से लेकर एक मई तक आनंदपुर साहिब में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर रही है वहीं एसजीपीसी ने अमृतसर में यह कार्यक्रम 29 अप्रैल से दो मई तक आयोजित करना है। इसके लिए तैयारियां एसजीपीसी ने शुरू कर दी हैं। कार्यक्रम के लिए यहां एसजीपीसी विभिन्न सिख जत्थेबंदियों और जिला प्रशासन का सहयोग ले रही है वहीं शहर को व खास कर गुरुद्वारा गुरु का महिल को विशेष रूप में सजाया जा रहा है। भोरा साहिब का रेनोवेशन जोरों से चल रहा है। एक दो दिन में सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली जाएंगी। भोरा साहिब उसी जगह है यहां पर गुरु साहिब का प्रकाश हुआ था। गुरुद्वारा गुरु का महिल को जाने वाले करीब पांच रास्तों पर साफ सफाई और सजावट का काम किया जा रहा है। भोरा साहिब में रविवार रात को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करने की भी तैयारी हो रही है। लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं प्रकाश पर्व पर

गुरुद्वारा साहिब के सेवा गुरसेवक सिंह, मैनेजर बघेल सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा की सजावट के लिए लाइटें लगाने, रास्तों मे सजावट करने, फूलों की सजावट आदि का काम भी चल रहा है। गुरुद्वारा साहिब की मौजूदा इमारत पहले बने गुरुद्वारा के आसपास के 100 घरों की खरीद करने के बाद तैयार की गई थी। लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरुघर के दर्शन करने प्रकाश पर्व पर पहुंचते हैं। गुरुद्वारा गुरु का महिल स्थान अति पवित्र स्थान

कार सेवा वाले बाबा वाहेगुरु सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा गुरु का महिल बहुत ही पवित्र स्थान है। जब गुरु अमरदास की इच्छा से गुरु रामदास नया नगर अमृतसर बसाने आए तो यहां पर एक झोंपड़ी बनाई थी। यह ही यहां का पहला घर था। गुरु रामदास जी ने यहीं पर गुरु अर्जुन देव जी का विवाह किया। गुरु अर्जुन देव जी ने सुपुत्र पाने के लिए माता गंगा जी को यहां से बाबा बुड्ढा जी के पास झब्बाल भेजा। जिनके वर से गुरु हरिगोबिद साहिब का जन्म गुरु की वडाली में हुआ। गुरु हरिगोबिद सिंह जी का विवाह भी गुरु का महिल में हुआ। ग्ररु हरिगोबिद सिंह जी के घर माता नानकी जी की कोख से गुरु के महिल में ही गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश एक अप्रैल 1621 में हुआ था। बाबा सूरज मल, अन्नी राय जी, बाबा अटल राय जी और बीबी वीरो का जन्म भी यहीं हुआ था। बीबी वीरों के विवाह की तैयारियां भी गुरु के महिल में ही हुई थीं। वीरो जी के विवाह की रस्में लावा आदि झब्बाल में की गई थीं। उन्होंने बताया कि यह स्थान अति पवित्र है और गुरु तेग बहादुर जी के जीवन का एक अहम स्थान यहां है।

chat bot
आपका साथी