गुरजीत ने हारकर भी विश्व को दिखाया खेल का जलवा

हम हार की बात नहीं करेंगे क्योंकि यह हार नहीं है। क्या हुआ सोना या चांदी हाथ में नहीं है मगर हमारे पास हीरे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:31 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:31 PM (IST)
गुरजीत ने हारकर भी विश्व को दिखाया खेल का जलवा
गुरजीत ने हारकर भी विश्व को दिखाया खेल का जलवा

जागरण संवाददाता, अजनाला :

हम हार की बात नहीं करेंगे, क्योंकि यह हार नहीं है। क्या हुआ सोना या चांदी हाथ में नहीं है, मगर हमारे पास हीरे हैं। ऐसे हीरे जो ओलिपिक में चमके हैं। पूरी दुनिया को उन्होंने अपनी चमक दिखाई है। भले ही भारतीय महिला हाकी टीम सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से 2-1 से हार गई। जबकि कांस्य पदक हासिल करने का मौका उनके पास अभी भी है।

अर्जेंटीना की तेजतर्रार टीम के मुकाबले जिन्हें कहीं भी मुकाबले में नहीं माना जा रहा था, उन लड़कियों ने क्या गजब खेल दिखाया है। आखिरी दस सेकंड तक उन्होंने प्रतिद्वंद्वी टीम की धड़कनें बढ़ाए रखीं। ये लड़कियां हारकर भी हमारा ही नहीं, दुनिया का भी दिल जीत गईं हैं। पहले ही पांच मिनट में भारतीय हाकी टीम ने अर्जेंटीना को हैरान कर दिया। गुरजीत कौर ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। हालांकि इसके बाद अर्जेंटीना ने हिसाब बराबर कर दिया था।

उम्मीद अभी बाकी है : सतनाम सिंह

गुरजीत कौर के घर में उनके पारिवारिक सदस्यों के साथ-साथ मैच देखने वालों का तांता लगा रहा। जैसे ही गुरजीत कौर ने पहला गोल किया, तो सभी ने चक दे इंडिया बोलकर उसका मनोबल बढ़ाया। जबकि गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह ने मैच शुरू होने के बाद कुछ देर मैच देखा, जिसके बाद में एक कमरे में जाकर अरदास करने में जुट गए, ताकि टीम अगले मैच तक जा सके। हालांकि मैच खत्म होने के बाद उनके पिता ने सतनाम सिंह ने कहा कि भले ही भारतीय टीम मैच हार गई है, मगर उम्मीद अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि अब ब्रांज मेडल जीतने के लिए उन्हें मशक्कत करनी होगी।

पिछली गलतियों को भूल ब्रांज मेडल लाना होगा : बलकार सिंह

नेशनल हाकी कोच बलकार सिंह का कहना है कि भारतीय महिला हाकी टीम ने मैच के शुरू में अपनी अच्छी पकड़ बनाकर टीम को जीत की तरफ बढ़ाया, मगर अर्जेंटीना के साथ हुए मैच में फारवर्ड पंक्ति की खिलाड़ियों ने गोल के अवसरों को भुनाने में कामयाबी हासिल नहीं की। क्योंकि अर्जेंटीना की डिफेंस बेहद मजबूत थी और उसे ध्यान में रखते हुए टीम का आपस में तालमेल देखने को नहीं मिला, जिसमें फारवर्ड खिलाड़ी कमजोर ही नजर आए। इसके अलावा डिफेंस में खिलाड़ियों ने ट्रैपिग में जो गलतियां की हैं उन्हें आने वाले मैच में ना दोहराते हुए ग्रेट ब्रिटेन के साथ खेलना होगा। भारतीय हॉकी टीम को पूरे दमखम के साथ अपनी गलतियों को सुधारते हुए खेलकर ब्रांज मेडल पर कब्जा करना होगा। उम्मीद करते हैं कि भारत की झोली में भारतीय हॉकी टीम में शामिल महिला और पुरुष खिलाड़ी ब्रांज मेडल लेकर स्वदेश लौटेंगे, क्योंकि दोनों ही टीमों का मैच ओलिपिक में आखिरी है, जिसमें दोनों ही टीमों को हार जीत को भूलकर अपना दमदार प्रदर्शन देना होगा, जोकि जीत का परचम फहराने में मददगार साबित होगा। अब वीरवार और शुक्रवार को होने वाले दोनों ही मैचों में भारत को ब्रांज मेडल मिलने की पूरी पूरी उम्मीद है।

किसी से कम नहीं हैं भारतीय हाकी खिलाड़ी : डा. मनप्रीत

दैनिक जागरण के पाठक व खेल प्रेमी डा. मनप्रीत सिंह का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों ने हाकी के मैचों अब तक बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत के खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं और वे ओलिपिक में मेडल जरूर जीतेंगे। दुनिया ने देखा है भारतीय हाकी का जलवा : हरजीत सिंह

दैनिक जागरण के पाठक व खेल प्रेमी हरजीत सिंह का कहना है कि 21वीं सदी में भारत के खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलिपिक 2020 में विश्व भर को भारतीय हाकी खेल का जलवा दिखाया है, जोकि एक इतिहास है और आने वाले सालों में लोग याद रखेंगे।

chat bot
आपका साथी