एसजीपीसी के प्रबंधों तले गुरुद्वारों में लगाए जाएंगे पौधे

एसजीपीसी ने वातावरण को हरा-भरा बनाने के लिए अपने एतिहासिक गुरुद्वारों में बाग लगाने की मुहिम शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 08:07 PM (IST)
एसजीपीसी के प्रबंधों तले गुरुद्वारों में लगाए जाएंगे पौधे
एसजीपीसी के प्रबंधों तले गुरुद्वारों में लगाए जाएंगे पौधे

जागरण संवाददाता, अमृतसर : एसजीपीसी ने वातावरण को हरा-भरा बनाने के लिए अपने एतिहासिक गुरुद्वारों में बाग लगाने की मुहिम शुरू कर दी है। एसजीपीसी जल्द ही अपने प्रबंधों के अधीन चलने वाले गुरुद्वारों में बाग लगा कर आसपास का वातावरण हरा भरा बनाएगी। प्रत्येक गुरुद्वारा के पास एक एक एकड़ भूमि में यह बाग लगाए जाएंगे।

एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने बताया कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में बाग लगाने के ऐलान किया था। इस की शुरूआत छठे पातशाह जी के साथ संबंधित गुरुद्वारा सतलानी साहिब और तरनतारन के गुरुद्वारा बाबा बीतर सिंह रत्तोके से की जा रही है।

गुरुद्वारा सतलानी साहिब में एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रजिदर सिंह मेहता, मुख्यसचिव डॉ. रूप सिंह और वातावरण प्रेमी बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब की ओर से जगह का मुआयना किया गया। इस दौरान एसजीपीसी के रजिदर सिंह रूबी और मैनेजर बलदेव सिंह भी मौजूद थे। रजिदर सिंह मेहता ने बताया कि गुरुद्वारा सतलानी साहिब और गुरुद्वारा रत्तोके के बाद 40 के करीब अन्य गुरुद्वारों में भी बाग लगा कर वातावरण को हरभरा बनाया जाएगा। इस के लिए खडूर साहिब वाले बाबा जी का सहयोग लिया जाएगा। प्रत्येक बाग में 45 प्रकार के 4200 के करीब पौधे लगाए जा रहे हैं। यह लगाए जाएंगे पौधे

इस बागों में बरगद, पीपल, नीम, अरहड़, आंवला, जंड, टाहली, देसी किक्कर, शहतूत, अर्जुन, गुडहल, दरेक, आम, जामुन, अमरूद, आडू, लसूडा, देसी बेरी, बिल्ल पत्र, अनार, बकैन, सरींह, सुहंजना, कचनार, प़ुत्रण जीवा, कढी पत्ता, कणक चंपा, झिरमिर सुखचैन, सागवान, ढाक, अमलतास, पहाडी किक्कर, बांस, चांदनी, मरूआ, हार शिंगार, रात की रानी व जटरोफा आदि के पौधे लगाए जाएंगे।

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