पहले कोरोना और अब हाल मार्क के नियम से 70 प्रतिशत तक घटा ज्वेलर्स का कारोबार
पहले कोरोना और अब सरकार के हाल मार्क के नए नियम के कारण ज्वेलर्स के कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: पहले कोरोना और अब सरकार के हाल मार्क के नए नियम के कारण ज्वेलर्स के कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इससे स्वर्णकार बेहद परेशान हैं, क्योंकि पिछले छह महीने में 70 प्रतिशत तक काम कम हो चुका है। अमृतसर की बात की जाए तो सालाना करीब 1000 हजार करोड़ रुपये का सोने के गहनों का व्यापार होता था। मगर अब यह 200 से 300 करोड़ रुपये का रह गया है। जब से नए नियमों के मुताबिक हालमार्क की सारी जिम्मेदारी स्वर्णकारों पर डाली गई है तभी से स्वर्णकार दुविधा में है और डर कर काम करने को मजबूर हैं क्योंकि अगर कोई भी गड़बड़ी होती है तो स्वर्णकार पर कार्रवाई होगी। इस कारण भी बाजार में एक दम से मंदी छा गई है। जुर्माना व सजा का प्रावधान ठीक नहीं: अश्वनी कुमार
स्वर्णकार वेलफेयर एसोसिएशन के पंजाब प्रधान अश्वनी कुमार नामेशाह ने बताया कि नए नियमों के मुताबिक दो ग्राम से ऊपर सोने पर हालमार्किग जरूरी है। अगर गलत तरीके से हालमार्किग की गई पाई जाती है तो उसके लिए स्वर्णकार को जिम्मेदार ठहराते हुए जुर्माना व सजा का प्रावधान रखा गया है। यह ठीक नहीं हैं जबकि नियम में अप्रूव्ड सेंटर को पूरी तरह बाहर निकाल दिया गया है। खुद सरकार ने ही लाइसेंस देकर सेंटर खुलवाए हैं जिन्होंने हालमार्किंग करनी होती है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में व्यापार कम होकर 10 से 15 प्रतिशत रह जाएगा। हालमार्किग के लिए प्रति पैसे देते है स्वर्णकार: रविकांत
एसोसिएशन के महासचिव रविकांत ने बताया कि वह खुद चाहते है कि एक आभूषण की हालमार्किंग होनी हो। स्वर्णकार इसके लिए बकायदा पैसे अदा करते है। सोने की शुद्घता की जांच करने वाली मशीन 35 से 40 लाख रुपये की आती है। सोने की जांच के लिए सेंटर वाले 35 रुपये प्रति पीस के भी चार्ज करते हैं और उसके बाद ही मार्किग करते हैं। इसके लिए तीन सेंटर हैं। इनमें एक हीरा मार्केट, चौंक चौरस्ती अटारी और गुरु के महल के पास है। उन्होंने कहा कि वह कोई अपराधी नहीं है। बल्कि सही ढंग से अपना कारोबार कर रहे है। ऐसे में उनके लिए सजा का प्रावधान क्यों रखा है। यह खत्म होना चाहिए।