सड़क हादसे में गोधन जख्मी, टैग से वेरिफिकेशन करने में नाकाम रहा पशुपालन विभाग
काउ सेस वसूलने वाली पंजाब सरकार गायों के संरक्षण की दिशा में प्रयास नहीं कर रही। न ही एनिमल हसबेंड्री विभाग सक्रियता दिखा रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : काउ सेस वसूलने वाली पंजाब सरकार गायों के संरक्षण की दिशा में प्रयास नहीं कर रही। न ही एनिमल हसबेंड्री विभाग सक्रियता दिखा रहा है। बीते मंगलवार की रात रियाल्टो चौक पर एक गाय दुर्घटना का शिकार बनी। उसकी दोनों टांगें टूट गईं। मौके पर एंटी क्राइम एंड एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के चेयरमैन डा. रोहण मेहरा सहित पूरी टीम पहुंची। गाय को फौरन लोहगढ़ स्थित पशु अस्पताल में भेजा गया। एनिमल हसबेंड्री विभाग के डायरेक्टर अमरजीत को फोन किया। उनसे कहा कि गाय के टैग के आधार पर इसके मालिक के विषय में जानकारी दें। कुछ देर बाद डायरेक्टर के कहने पर उन्हें सीनियर वेटरनरी आफिसर चरणजीत सिंह का फोन आया।
इसके बाद चरणजीत सिंह नामक सीनियर वेटरनरी आफिसर का फोन आया। उन्होंने उनसे टैग की फोटो मंगवाई और कुछ देर बाद जानकारी देने को कहा। अफसोसजनक पहलू है कि 24 घंटे बीत जाने पर भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई। बुधवार देर शाम उन्हें विभाग से मैसेज आया कि टैग के आधार पर मालिक की तलाश की जा रही है। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस के अनुसार गाय के मालिक के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकती है, बशर्ते एनिमल हसबेंड्री विभाग उसकी शिनाख्त कर दें।
रोहण ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एनिमल हसबेंड्री विभाग अब तक गाय के मालिक का पता नहीं लगा सका, जबकि पशुओं पर लगाए जाने वाले टैग इसी विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं। इससे तो यह लगता है कि यह टैग सिर्फ दिखाने के लिए लगाए गए हैं। टैग लगाने का मकसद यह था कि जो लोग रात को गायों को सड़कों पर छोड़ देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, पर यहां तो यह टैग सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। वहीं नगर निगम प्रशासन अब तक बेसहारा पशुओं के संरक्षण की दिशा में प्रयास नहीं कर पाया। जब पशु प्रेमी निगम या सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं तो कुछ महीनों की मोहलत मांगी जाती है। अब सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर संघर्ष होगा। इस अवसर पर राहुल सेठ, राहिल ग्रोवर, अजय शिगारी, गोपी आदि उपस्थित थे।