जीएनडीयू में बिना मंजूरी तैनात कर दिए टीचिग अधिकारी
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में टीचिग स्टाफ के कर्मचारियों को प्रबंधकीय पदों पर एडिशनल रूप में तैनात करने को लेकर विवाद गहरा गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में टीचिग स्टाफ के कर्मचारियों को प्रबंधकीय पदों पर एडिशनल रूप में तैनात करने को लेकर विवाद गहरा गया है। जीएनडीयू टीचर्स एसोसिएशन का आरोप है कि यह नियुक्तियां सिडीकेट की स्वीकृति के बिना ही कर दी गई हैं। जो विश्वविद्यालय के वर्किंग कैलेंडर के तय नियमों के खिलाफ है। वहीं यूजीसी और पंजाब सरकार के तय सेवा नियमों का भी उल्लंघन है। इस मामले को लेकर टीचर्स एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय के प्रबंधकों के खिलाफ यूजीसी और पंजाब सरकार के पास भी जाने का फैसला लिया है।
टीचर यूनियन के अध्यक्ष प्रो. लखविदर सिंह और महासचिव प्रो. एनपीएस सैनी ने जीएनडीयू के वीसी को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के अमला विभाग की ओर से पत्र नंबर 3051-ई-22 फरवरी 2021 को जारी कर के 16 अलग अलग प्रबंधकीय पदों पर टीचिग स्टाफ को तैनात करके पदों की जिम्मेवारी दे दी गई। जबकि इन पदों पर दी गई जिम्मेवारी संबंधी जीएनडीयू की सिडीकेट से मंजूरी ही नहीं ली गई थी। इस तरह यह नियुक्तियां पूरी तरह गैर कानूनी हो गई है। अगर यह फैसले लागू भी कर दिए जाते हैं तो इन फैसलों की कोई भी कानूनी मान्यता नहीं होगी। क्योंकि एक अप्रैल से शुरू हुई 16 प्रबंधकीय पोस्टों की कार्यप्रणाली को लेकर स्वीकृति ली जानी जरूरी थी। क्योंकि इस से पहले फरवरी 2021, दिसंबर 2020 और नवंबर 2020 में सिडीकेट की बैठकें हो चुकी है। इन बैठकों में एक अप्रैल से 16 महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किए गए अधिकारियों की स्वीकृति ली ही नही गई है।
टीचिग एसोसिएशन के माहसचिव एनपीएस सैनी और अध्यक्ष लखविदर सिंह का कहना है कि हमने 16 पोदों पर की गई तैनाती की सिडीकेट स्वीकृति का आदेश मांगा था परंतु अभी तक इसे प्रदान ही नहीं किया गया। मामले को लेकर वह पंजाब सरकार के पास जाएंगे। मामले को लेकर जीएनडीयू के रजिस्ट्रार डा. केएस काहलों के साथ बार बार फोन पर संपर्क किया गया परंतु उनकी ओर से फोन ही नही उठाया गया।