श्रमिकों के लिए पांच स्वास्थ्य केंद्र खुले, 21 ने ही लगवाई वैक्सीन

कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन संकट से जूझ रहा है। सोमवार को 1

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:35 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 07:46 PM (IST)
श्रमिकों के लिए पांच स्वास्थ्य केंद्र खुले, 21 ने ही लगवाई वैक्सीन
श्रमिकों के लिए पांच स्वास्थ्य केंद्र खुले, 21 ने ही लगवाई वैक्सीन

जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन संकट से जूझ रहा है। सोमवार को 18 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने का दिन था, पर वैक्सीन की कमी के चलते कारखानों व उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को वैक्सीन लगाने का क्रम शुरू किया गया। हालांकि ज्यादातर श्रमिक दिहाड़ी पर निकल चुके थे। ऐसे में इन्हें फोन कर आने को कहा गया।

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्रों छेहरटा, कोट खालसा, मजीठा, रमदास व मानांवाला में श्रमिकों को वैक्सीन लगाना निर्धारित किया। इन सेंटरों में सुबह श्रमिक नहीं पहुंचे। छेहरटा स्थित स्वास्थ्य केंद्र में सुबह दस बजे एक श्रमिक पहुंचा, लेकिन जब तक दस श्रमिक नहीं जा जाते, तब तक टीकाकरण नहीं किया जा सकता था। टीके की एक वायल खुलने के बाद यह चार घंटों के भीतर दस लोगों को लगानी होती है। ऐसे में लेबर विभाग के अधिकारी ने श्रमिकों को फोन कर वैक्सीन लगवाने की अपील की। ज्यादातर श्रमिकों का तर्क था कि वह काम पर जा चुके हैं, इसलिए अब नहीं आ पाएंगे। हालांकि ग्यारह बजे तक कुछ श्रमिक इस स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे और टीकाकरण शुरू किया गया। ऐसी ही स्थिति कोट खालसा स्थित स्वास्थ्य केंद्र में भी बनी रही। सिर्फ 21 श्रमिकों ने ही पांचों स्वास्थ्य केंद्रों में डोज लगवाई। जिले में सोमवार को कुल 4629 लोगों को वैक्सीन लगी।

श्रमिकों का कहना था कि विभाग छुट्टी के दिन ही टीकाकरण करे, ताकि उनकी दिहाड़ी खराब न हो।

जिले में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। अब तक तीन लाख 32 हजार 966 लोगों को टीका लग चुका है। एनआरएचएस कर्मी हड़ताल पर, लोग परेशान

एनआरएचएस कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से जिले में सैंपलिग का काम प्रभावित हो रहा है। वीरवार को कई स्वास्थ्य केंद्रों मे सैंपलिग का क्रम रुका रहा। लोग सैंपलिग करवाने आते रहे, पर हड़ताली कर्मचारियों ने धरने जारी रखे। वहीं सैंपल रिपोर्ट लेने के लिए भी लोग स्वास्थ्य केंद्रों में उमड़े और निराश होकर लौटे।

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