बाबा बकाला में निहंग अजीत सिंह पूहला के डेरे पर कब्जे को लेकर चली गोलियां, एक की मौत

निहंग अजीत सिंह पूहला के डेरे के कब्जे को लेकर दो गुटों में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। गोली लगने से एक निहंग की मौत हो गई जबकि तीन अन्य जख्मी हो गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 11:13 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 11:13 AM (IST)
बाबा बकाला में निहंग अजीत सिंह पूहला के डेरे पर कब्जे को लेकर चली गोलियां, एक की मौत
बाबा बकाला में निहंग अजीत सिंह पूहला के डेरे पर कब्जे को लेकर चली गोलियां, एक की मौत

जेएनएन, बाबा बकाला (अमृतसर)। साल 2008 में जेल में मारे गए निहंग अजीत सिंह पूहला के डेरे के कब्जे को लेकर दो गुटों में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। गोली लगने से एक निहंग की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य जख्मी हो गए। बताया जा रहा है कि दोनों तरफ से 70 से 80 राउंड फायर हुए। एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने मरने वाले की पहचान लोहारका गांव निवासी सुखराज सिंह के रूप में बताई है। निहंग बाबा बकाला निवासी तेजपाल सिंह, सतनाम सिंह और गुरदासपुर जिला के कादियां निवासी हरदीप सिंह जख्मी हैं। ब्यास थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना सोमवार सुबह की है। 

निहंग अजीत सिंह पूहला की साल 2008 में मौत के बाद उनकी बहन, मां और भांजा डिंपी पूहला ही बाबा बकाला स्थित डेरे का संचालन कर रहे हैं। डिंपी ने आरोप लगाया कि निहंग मुखी रंजीत सिंह राणिया उनके डेरे पर कब्जा करना चाहता है। पहले भी वह इस तरह के प्रयास कर चुका है। सोमवार तड़के 3.45 बजे रंजीत सिंह राणिया अपने 25-30 निहंगों के साथ उनके डेरे के बाहर पहुंच गया। उन्हें ललकार कर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।

उधर, रंजीत सिंह राणिया गुट के जत्थेदार निहंग बलविंदर सिंह ने दावा किया कि बाबा अजीत सिंह पूहला के डेरे की मलकीयत के सभी दस्तावेज उनके पास हैं। वह डेरे पर कब्जा करने नहीं बल्कि डिंपी से बात करने पहुंचे थे। डेरे के अंदर के कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंंग कर उनके साथियों को बुरी तरह से जख्मी कर दिया। उनके साथी सुखराज सिंह की मौत हो गई।

तीन तरफ से चली गोलियां

आतंकवाद के खिलाफ काम कर चुके निहंग मुखी बाबा अजीत सिंह पूहला के डेरे पर बड़े अफसरों ने पुलिस बल तैनात कर रखा है। बताया जा रहा है कि डेरे के अंदर 15 से 20 हथियारबंद पुलिस कर्मी तैनात हैं। जब सोमवार की सुबह रंजीत सिंह राणिया गुट और बाबा पूहला के परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने गोलियां चलाईं तो हमला होते देख पुलिस को भी आनन-फानन में गोलियां चलानी पड़ीं। पुलिस जांच कर रही है कि सुखराज की मौत किसकी गोली लगने से हुई।

निहंग राणिया सहित 40 समर्थकों पर हत्या प्रयास का मामला दर्ज

ब्यास थाने की पुलिस ने कब्जा करने पहुंचे निहंग रंजीत सिंह राणिया और उसके 35-40 समर्थकों के खिलाफ हत्या प्रयास, गोली चलाने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि आरोपित पक्ष रंजीत सिंह राणिया गुट से अब तक उन्हें पूहला गुट के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है।

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